कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मसूद अजहर जी’ पर घेरने वाली भाजपा अब खुद ही आतंकवादी को सम्मान दे रही है। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी जंयत सिन्हा ने आतंकवादी मसूद अजहर को ‘जी’ कहकर संबोधित किया है। इसके बाद से ही मोदी के मंत्री लोगों के निशाने पर आ गए हैं। रामगढ़ में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान जयंत सिन्हा ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिहाज से यह एक बड़ा पल है।
जयंत सिन्हा के बयान से विपक्ष को मिला हमले का मौका
इस दौरान जयंत सिन्हा ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि यह सारा काम यूपीए सरकार के दौरान नहीं हो सका, क्योंकि उस वक्त दुनिया भर में देश की उतनी मान-प्रतिष्ठा नहीं थी। बता दें कि इससे पहले हाल ही में बिहार में महागठबंधन के सदस्य और हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने अपने एक बयान में मसूद अजहर को साहब कह दिया था, जिसके बाद बीजेपी नेताओ ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
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यही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने एक बयान में खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर को जी कहकर संबोधित कर चुके हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि 56 इंच वाले लोग और आज के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ही मसूद अजहर ‘जी’ को एयरक्राफ्ट में लेकर छोड़ने गए थे। राहुल के इस बयान पर भाजपाइयों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। लेकिन अब भाजपा के ही जयंत सिन्हा ने अपने ताजा बयान से विपक्षी पार्टियों को हमला करने का मौका दे दिया है।
मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। यूएन ने मसूद अजहर का नाम ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था। खास बात तो यह रही कि मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर इस बार चीन ने कोई अड़ंगा नहीं लगाया है।
खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर पर भारत में कई बड़े आतंकी हमले कराने का आरोप है। इनमें संसद पर हमला, पुलवामा हमला और पठानकोट हमला मुख्य रूप से शामिल हैं। पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद का आका मुखिया मसूद अजहर ही है। जानकारी के मुताबिक, पहली बार अजहर को 1994 में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था। कंधार विमान कांड के बाद भारतीय जेलों में बंद मसूद अजहर, मुश्ताक ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे चरमपंथी नेताओं की रिहाई की मांग की गई और छोड़ दिया गया था।
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