लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है. बीजेपी ने अपनी 20वीं सूची में 6 लोकसभा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है, वहीं पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव के लिए एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है. भारतीय जनता पार्टी की 20वीं उम्मीदवारों की सूची में हरियाणा के हिसार से बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है.
वहीं हिसार से अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को बीजेपी से टिकट मिलने को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने रविवार को अपने इस्तीफे की पेशकश की है. इस पर उनका कहना है, ‘मैं चुनावी राजनीति से दूर रहना चाहता हूं, लेकिन संगठन का काम करने के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा. हमारी पार्टी परिवारवाद से दूर रहने की बात करती है, इसीलिए मैंने ये कदम उठाया है.’
इस्तीफे की पेशकश के बाद पत्रकारों से बातचीत में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि परिवार वाद की राजनीति से फायदा जगह नुकसान हुआ है. ऐसे में जब मेरे आइएस बेटे ने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने की इच्छा जाहिर की तो मैंने मंत्री पद से इस्तीफा देना तय किया. अभी बृजेंद्र की 14 साल की नौकरी बची हुई है, लेकिन वह राजनीति में आकर परिवार की विरासत संभालना और लोगों की सेवा करना चाहता है.
कौन हैं बृजेंद्र सिंह
बीजेपी ने हरियाणा के हिसार से केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेन्द्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया. बृजेंद्र सिंह आईएएस अधिकारी हैं. 47 साल की उम्र है. इस समय HAFED के एमडी हैं. बृजेंद्र के पिता बीरेंद्र सिंह 2022 तक राज्यसभा सदस्य हैं और वह चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं.
कौन हैं बीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह पांच बार 1977, 1982, 1994, 1996 व 2005 में उचाना से विधायक बन चुके हैं और तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं. वह 1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से ओमप्रकाश चौटाला को हराकर सांसद बने थे. सन 2010 में कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य बने थे, लेकिन 2014 में कांग्रेस से 42 साल पुराना नाता तोड़कर राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. जून 2016 में भाजपा ने उन्हें दोबारा राज्यसभा में भेज दिया था.
बृजेंद्र को वर्ष 2032 में होना है रिटायर
वर्ष 1972 में जन्मे 46 वर्षीय बृजेंद्र सिंह दो बच्चों के पिता हैं. वर्ष 1998 में मात्र 26 साल की उम्र में आइएएस बने थे. उनकी रिटायरमेंट वर्ष 2032 में होनी है, लेकिन अब वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे. वह चंडीगढ़, पंचकूला और फरीदाबाद में डीसी रहे हैं. अभी वह हैफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
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