उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यूपी-100 की पीआरवी 27 के तुरंत रेस्पांस ने एक विवाहिता की जान बचा ली. पति से हुई कहासुनी और झगड़े के बाद पत्नी ने फांसी का फंदा गले में डालकर लटक गई थी. जिसके बाद एक सिपाही जंगला उखाड़कर उसके कमरे में गया. इसके बाद अन्य पुलिसकर्मियों ने फंदे से उतारकर महिला को अस्पताल पहुंचा दिया. सिपाही की इस जांबाजी और पुलिसकर्मियों की तत्परता का परिजनों ने धन्यवाद दिया.
यहां पढ़े पूरा मामला
आगरा जिले की गढ़ी भदौरिया निवासी स्वाती की शादी एक साल पहले ताजगंज के असद गली निवासी मदन के साथ हुई थी. उन दोनों का 3 महीने का बेटा है. बेटे की तबियत खराब थी, इसलिए बुधवार की सुबह पति आया. पति बेटे को घर ले जाकर दवा दिलाने की कहने लगा. स्वाती ससुराल नहीं जाना चाहती थी इसलिए उसने मना कर दिया. इस पर मदन बेटे को लेकर वहां से चला गया और स्वाती ने समझा कि वह बेटे को अपने घर ले गया है. इस बात से गुस्सा होकर स्वाती कमरे में बंद हो गई. परिजनों ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया. लेकिन वह दरवाजा खोलने के लिए तैयार नहीं हुई. परिजनों ने जंगले से देखा तो वह पंखे से फंदा बांधकर पर लटक रही थी. दोपहर 12:08 बजे स्वाती के भाई ने 100 नंबर पर सूचना दी.
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जानकारी मिलने पर 6 मिनट के अंदर ही पीआरवी 27 के प्रभारी एसआई कृष्ण अवतार दुबे, सिपाही चंद्रकांत और ड्राइवर प्रियव्रत आ गए. पुलिसकर्मियों ने दरवाजा अंदर से बंद होने पर जंगले को उखाड़ दिया. सिपाही चंद्रकांत को जंगले की जगह से अंदर भेजे गए और उन्होंने दरवाजा खोला. इसके बाद रस्सी काटकर स्वाती को नीचे उतार लिया गया. उसे 15 मिनट में एसएन मेडिकल कालेज इमरजेंसी पहुंचा दिया. फिलहाल स्वाती की हालत में सुधार है. पुलिसकर्मियों के प्रयास पर परिजनों ने धन्यवाद दिया. वहीं, पुलिस ने बताया कि पति से विवाद के कारण स्वाती पिछले डेढ़ महीने से मायके में रह रही है.
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