प्रमोशन (Promotion) की रेस में शामिल 688 पुलिसकर्मियों को अयोग्य (688 Policeman Ineligible) करार दिया गया है। इसकी कारण इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले से चल रही जांच और दर्ज आपराधिक मुकदमे हैं। इनमें गाजियाबाद के 23, नोएडा के 22 और हापुड़ जनपद के 12 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
सभी जिलों के कप्तानों को पदोन्नति रोकने के निर्देश
वहीं, डीजीपी ने सभी पुलिस कमिश्नर और जिलों के एसपी/एसएसपी को दागी पुलिसकर्मियों की पदोन्नति रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को दागी 20 पुलिसकर्मियों की सूची भी भेज दी गई है। वहीं, बाकी की लिस्ट जल्द भेजी जाएगी।
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निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद प्रदेश सरकार ने इनके प्रमोशन की अनुमति दी तो पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इनकी सूची जारी कर दी। इसके साथ ही बोर्ड ने अयोग्य पुलिसकर्मियों की भी एक सूची जारी की है। इस सूची में वह पुलिसकर्मी हैं, जिन पर विभागीय जांच और आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में दागी पुलिसकर्मियों का प्रमोशन रुक गया है।
इन जिलों के पुलिसकर्मी पदोन्नति के अयोग्य
मिली जानकारी के अनुसार, अयोग्य पुलिसकर्मियों की सूची में लखनऊ से 31, प्रयागराज से 12, मेरठ से 24, कानपुर से 18, गोरखपुर के आठ, बागपत के 14, बुलंदशहर से 18, आगरा के 17, बरेली से 19, मुजफ्फरनगर से 12, शामली के सात, सहारनपुर से 24, मुरादाबाद के 26 और अलीगढ़ से 10 पुलिस को शामिल किया गया है।