UP Bypolls result 2024: मुरादाबाद जिले की कुंदरकी (Kundarki) विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 31 साल बाद अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है। इस सीट पर 1993 के बाद पहली बार बीजेपी ने विजय प्राप्त की है। बीजेपी के उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर, जो अब तक एक लाख 31 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं, ने समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार हाजी रिजवान को भारी अंतर से हराया। सपा के उम्मीदवार को केवल करीब 20 हजार वोट ही मिले हैं, जो कि इस सीट के राजनीतिक इतिहास को लेकर एक बड़ा उलटफेर साबित हो रहा है।
मुस्लिम मतदाताओं का अहम भूमिका
कुंदरकी सीट पर मुस्लिम समुदाय का बड़ा प्रभाव है, जहां 60 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। इस सीट पर चुनावी मुकाबला अक्सर मुस्लिम समुदाय के समर्थन पर निर्भर रहा है, और इस बार भी ऐसा ही माना जा रहा था। हालांकि, बीजेपी के लिए स्थिति इस बार अलग रही। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मुस्लिम मतदाताओं का रामवीर सिंह के पक्ष में बड़ा समर्थन मिला, जिसे देख कर राजनीतिक विशेषज्ञ भी हैरान हैं। खासकर रामवीर सिंह का मुस्लिम टोपी पहनने का प्रयास और उनका परिवार जो मुस्लिम समुदाय के बीच पहले से लोकप्रिय था, ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुस्लिम नेता का समर्थन और सामाजिक समीकरण
रामवीर सिंह की जीत में मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली नेताओं का भी योगदान रहा। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने मुस्लिम मतदाताओं से रामवीर सिंह को समर्थन देने की अपील की थी। बासित अली ने तुर्क मुस्लिम और राजपूत मुस्लिम वोटों को साधने के लिए एक रणनीतिक दांव चला, और इसके नतीजे में रामवीर सिंह को मुस्लिम समुदाय से जबरदस्त समर्थन मिला। कुंदरकी में मूंढापांडे गांव, जो मुस्लिम बहुल है, में भी रामवीर सिंह को विशेष समर्थन मिला।
सपा के खिलाफ नाराजगी का असर
रामवीर सिंह की जीत में एक और महत्वपूर्ण कारण सपा के उम्मीदवार हाजी रिजवान के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की नाराजगी भी थी। सपा प्रत्याशी ने एक विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे कुत्ते के गले में भी पट्टा बांध देंगे तो भी कुंदरकी सीट जीत लेंगे। इस बयान के बाद रामवीर सिंह ने मुस्लिम और यादव मतदाताओं को यह मुद्दा बनाते हुए सवाल किया कि क्या उनकी वोटों की कीमत इतनी घटिया है? यह बयान उनके लिए राजनीतिक तौर पर फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि मुस्लिम मतदाता इस बयान से नाराज हो गए थे।
प्रशासन और चुनावी आरोप
सपा ने चुनाव के दिन आरोप लगाया था कि प्रशासन ने मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका। सपा के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान ने वोटिंग के दौरान बूथों पर उनके एजेंटों को न भेजे जाने और वोटरों के नाम लिस्ट से काटे जाने के आरोप लगाए थे। हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जब सपा की सरकार थी, तब मुस्लिमों पर अत्याचार हुए थे, जबकि बीजेपी ने उनकी मदद की और उनकी समस्याओं का समाधान किया। यही कारण है कि इस बार मुस्लिम समुदाय ने बीजेपी को समर्थन दिया।
नतीजा और संदेश
कुंदरकी की इस जीत ने यह संदेश दिया कि बीजेपी मुस्लिम समुदाय को गले लगाने में सफल हो रही है, और अगर पार्टी सचमुच उनकी समस्याओं का समाधान करती है तो वे भी साथ देने के लिए तैयार हैं। यह जीत न केवल बीजेपी की रणनीतिक सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि अब मुस्लिम समुदाय भी बीजेपी की नीतियों और कार्यों से जुड़ता जा रहा है।
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