सुभासपा चीफ और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बयान पर मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) ने पलटवार किया है। अनिल राजभर ने ओपी राजभर को नसीहत तक दे डाली है। उन्होंने कहा कि ओपी राजभर के बेटे को जो वोट मिला है, वो बीजेपी का वोट है। ओपी से राजभर समाज के लोग क्यों दूर गए। इस पर उन्होंने विचार करना चाहिए।
राजभर को विरोधियों की भाषा नहीं बोलनी चाहिए
मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि ओपी राजभर खुद अपनी विधानसभा नहीं बचा सके। जचहूराबाद से निर्दलीय प्रत्याशी लीलावती राजभर को 45 हजार वोट मिले। एनडीए के प्रत्याशी वहां से 15 हजार वोटों से हार गए। खबर में बने रहने के लिए इस तरह बयान नहीं देना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये वक्त ईमानदारी से हार की समीक्षा करने का है। ओपी राजभर को ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए, जो विरोधी बोल रहे हैं। आज पूरी दुनिया मोदी जी को बधाई दे रही है।
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ओपी राजभर के बेटे ने वायरल वीडियो का किया खंडन
दरअसल, एक दिन पहले रसड़ा के मीरनगंज स्थित कार्यालय पर हुई सुभासपा की समीक्षा बैठक में पार्टी सुप्रीमो एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की ओर से घोसी लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए मोदी-योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जिसका वीडियो वायरल होने से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, वीडियो वायरल होने के कुछ ही समय बाद ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरुण राजभर ने एक वीडियो जारी कर इस समाचार का खंडन किया।
उन्होंने ऐसे किसी बयान को सिरे से खारिज किया और कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। इस वीडियो को कट-पेस्ट और एडिट करके चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने सुभासपा और एनडीए के कार्यकर्ताओं के बल पर सरकार के विकास के एजेंडे को लेकर घोसी में चुनाव लड़ा। जनता ने बहुत ही असीमित प्यार और दुलार दिया। इसीलिए नरेंद्र मोदी देश के तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।
अरुण राजभर ने कहा कि विरोधियों को ऐसा लग रहा है कि उन्होंने संविधान खत्म होने का ड्रामा किया, आरक्षण खत्म होने का ड्रामा किया, इसके बाद में भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। इसलिए उनकी ओर से ऐसी साजिश रची जा रही है।
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