सावन महीने में शुरू होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने स्वयं तैयारियों की कमान संभाल ली है। उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से लेकर बिजनौर तक हेलीकॉप्टर के जरिए यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और धार्मिक भावनाओं का हर हाल में सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
श्रद्धालुओं की आस्था सर्वोपरि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है। इसलिए किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति खाद्य सामग्री में मिलावट या श्रद्धालुओं की भावना आहत करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने और तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर सख्त नजर
कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि अव्यवस्था फैलाने या झगड़े की स्थिति पैदा करने वालों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस बल की सतत निगरानी और पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो और श्रद्धालुओं को पूर्ण सुरक्षा का अनुभव हो।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के प्रशासन को निर्देशित किया कि कांवड़ मार्ग पर ठहराव स्थलों पर पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सेवाएं, टेंट, एंबुलेंस जैसी आवश्यक सुविधाएं प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइटिंग, बैरिकेडिंग और साइनबोर्ड की समुचित व्यवस्था हो ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से यात्रा कर सकें और उन्हें कोई असुविधा न हो।
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सेवा भाव से जुड़ें स्वयंसेवी संगठन
मुख्यमंत्री ने यात्रा में सामाजिक सहभागिता को भी महत्व देते हुए कहा कि स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक समूहों की भागीदारी से व्यवस्थाएं बेहतर होंगी और जनसहयोग का संदेश भी जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवा भाव ही इस यात्रा की आत्मा है, और लाखों श्रद्धालु जो हरिद्वार से जल लेकर आते हैं, उनके मार्ग को सुविधाजनक बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। गर्मी और बारिश को ध्यान में रखते हुए ठंडे पानी, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, विश्राम स्थल और यातायात की सुविधाएं हर जिले में मुहैया कराई जाएं।