मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के शुकतीर्थ में आयोजित विशाल संत समागम एवं सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह आयोजन संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास जी महाराज की 65वीं पुण्यतिथि एवं संत समनदास जी महाराज की पुण्य स्मृति में किया गया था।
संतों की राह एकता और उत्थान का मार्ग: योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों ने समाज को जोड़ने और दिशा देने का कार्य किया है। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर कैराना और कांधला जैसी घटनाओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा संतों ने समाज को दिखाई वो राह, जो कैराना और कांधला जैसी घटना नहीं होने देती। यह मार्ग समाज को सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी देता है और विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की प्रेरणा प्रदान करता है।
संत रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक:योगी
योगी आदित्यनाथ ने संत रविदास जी को याद करते हुए कहा कि उनके कर्म और साधना की प्रेरणा आज भी देशवासियों के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने बताया कि संत रविदास ने सामाजिक कुरीतियों का विरोध करते हुए कर्म पर आधारित समाज की स्थापना का संदेश दिया। उनका प्रसिद्ध कथन ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ आंतरिक शुद्धता का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने संत रविदास के विचारों को किया साकार:योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने समानता और बिना भेदभाव के अन्न और अधिकार की बात की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब अन्न कल्याण योजना के माध्यम से इस विचार को जमीन पर उतारा। इस योजना से अब तक 81 करोड़ लोगों को खाद्यान्न मिला है।
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सीरगोवर्धन आश्रम को मिला नया स्वरूप
सीएम योगी ने बताया कि संत रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धन में सड़कों को फोरलेन किया गया है और आश्रम को भव्य स्वरूप दिया गया है। यहां विशाल प्रतिमा, अन्न क्षेत्र, पार्क और सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण हुआ है।
शुकतीर्थ का आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुकतीर्थ वह भूमि है जहां शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत की कथा सुनाई थी। यह भूमि भक्ति, ज्ञान और मोक्ष की प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यहां भविष्य में घाट, सत्संग सभागार, सड़क चौड़ीकरण, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
संतों और संविधान निर्माताओं को सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया गया। साथ ही पंचतीर्थों का निर्माण कर बाबा साहेब की स्मृति को संजोया गया।
स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास और समनदास जी महाराज दी श्रद्धांजलि :योगी
मुख्यमंत्री ने स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास और समनदास जी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने संत रविदास जी के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की गरीब कल्याण योजनाएं इन्हीं संतों की प्रेरणा से प्रेरित होकर लागू की गई हैं।
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विशिष्ट संतों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस भव्य आयोजन में अनेक संतों और जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। प्रमुख उपस्थित जनों में महंत गोवर्धन दास जी महाराज, स्वामी ओमानंद जी महाराज, निर्मल दास जी, गुरुदीप गिरि जी, सांसद चंदन चौहान, मंत्री अनिल कुमार, कपिलदेव अग्रवाल, सोमेंद्र तोमर, पूर्व सांसद संजीव बालियान और विधायक राजपाल बालियान आदि शामिल रहे।