उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी अस्पतालों में हर हाल में सभी दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारी से लेकर गंभी रोगों तक की दवाएं अस्पताल में मरीजों को मुफ्त दी जाएं। साथ ही दवा की बर्बादी रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और उप्र मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल जरूरत के अनुसार ही दवाओं का आर्डर दें, ताकि दवाओं को एक्सपायर होने से पहले ही मरीजों को वितरित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी मिलकर दवाओं की बर्बादी को रोकने के लिए काम करें। उप्र मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड अस्पतालों को जरूरत के अनुसार समय पर दवाएं उपलब्ध कराए, इसमें देरी नहीं होनी चाहिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि बारिश के मौसम में सांप काटने की घटनाएं बढ़ती हैं। ऐसे में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने चाहिए। डेंगू, मलेरिया सहित अन्य बीमारियों की भी दवाएं अभी से पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में उपलब्ध होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध दवाएं ही मरीज को लिखें। वह किसी भी कीमत पर बाहर से मरीजों की दवाएं नहीं लिखेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों का सरकारी अस्पतालों में धीरे-धीरे भरोसा बढ़ रहा है। यही कारण है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बैठक में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद व महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. लिली सिंह आदि मौजूद रहीं।
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