उत्तर प्रदेश के डीजीपी विजय कुमार (DGP Vijay Kumar) ने महिलाओं की शिकायतों की जांच महिला दारोगाओं और महिला सिपाहियों से कराए जाने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा है कि महिला दारोगा (Lady Sub Inspector) व सिपाहियों (Constables) को जांच टीम में शामिल किया जाए। महिला बीट आरक्षी सप्ताह में दो बार अपनी बीट में अवश्य जाएं।
डीजीपी ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी पूरी संवेदनशीलता के साथ महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने पिंक बूथ को पुलिस चौकी के रूप में विकसित किए जाने का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही डीजीपी ने महिला सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान के संपन्न होने के उपरांत शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कई निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बीट आरक्षी अपनी-अपनी बीट में महिला संबंधी अपराधों के दृष्टिगत हाट स्पाट चिन्हित करें। महिला सशक्तिकरण के लिए महिला बीट पुलिस अधिकारियों व महिला हेल्प डेस्क द्वारा 12 से 26 जून तक चलाए गए अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली 32 पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
दरअसल, इस अभियान के दौरान बुलंदशहर में वृद्ध महिला ने जन-चौपाल में आर्थिक तंगी के चलते बिजली कनेक्शन न होने की पीड़ा बताई थी, जिस पर सहायक पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर वृद्धा के घर में बिजली का कनेक्शन लगवाया, जिसका वीडियो जमकर वायरल हुआ।
वहीं, रायबरेली के मिल एरिया थाना क्षेत्र में चौपाल के दौरान नहर में पानी न आने की शिकायत पर क्षेत्राधिकारी नगर वंदना सिंह ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर पानी की आपूर्ति बहाल कराई। अयोध्या में बीट भ्रमण के दौरान महिला आरक्षी कल्पना शुक्ला ने पांच निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल विकास योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया।