महाराष्ट्र के नागपुर में कांग्रेस नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक बयान को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) ने तीखा पलटवार किया।
देश में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी
बीजेपी नेता दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी, जो कि तीन बार सांसद रह चुके हैं, दिशा की बैठक के महत्व और प्रक्रिया को नहीं समझ पाए। भाजपा नेता ने कहा, ‘राहुल गांधी को जो चार बार सांसद रहे हैं, यह समझना चाहिए था कि दिशा की बैठकें जिले की विकास योजनाओं की निगरानी के लिए हर जनपद में आयोजित की जाती हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं और देश में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
दलित और पिछड़े वर्ग पर टिप्पणी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने नागपुर में दिए बयान में आरोप लगाया था कि दिशा की बैठक में दलित और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों की कमी है। इसके जवाब में दिनेश प्रताप सिंह ने दावा किया कि बैठक में सभी समाज के लोग उपस्थित थे और राहुल गांधी ने यह बयान केवल लोकप्रियता हासिल करने और सामाजिक असंतोष भड़काने के लिए दिया।
दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पूछा कि पार्टी ने कितने दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को महत्वपूर्ण पद दिए हैं। उन्होंने कांग्रेस द्वारा 1991 से 2022 तक चार विधानसभा सीटों पर केवल उच्च जाति के प्रत्याशी उतारने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी वायनाड से किसी दलित या पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को टिकट देकर मिसाल कायम कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
‘राहुल गांधी फैला रहे हैं नफरत’
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी अपने बयानों के जरिए समाज में नफरत फैला रहे हैं और सद्भावना को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सबका साथ, सबका विकास’ का संदेश इस नफरत को खत्म करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि राहुल गांधी को सद्बुद्धि मिले और ऐसे “अयोग्य” सांसद से देश की गरिमा को ठेस न पहुंचे।
गौरतलब है कि दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ रायबरेली में चुनाव भी लड़ा था। नागपुर के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था कि रायबरेली में दिशा की बैठक के दौरान वहां उपस्थित अधिकारियों में दलित और ओबीसी वर्ग के अधिकारी न के बराबर थे। इस बयान के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ चिट्ठी लिखी और उन्हें चुनौती दी कि कांग्रेस में दलित और पिछड़े वर्ग को कितनी जगह दी गई है, इस पर वे जवाब दें।
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