सद्भाव की मिसाल: मुस्लिम दोस्त की नाबालिग बहन को उठा ले गए थे बदमाश, हिंदू युवक ने 230 किमी दूरी तय कर बचाई इज्जत

कहते हैं कि भारत विविधता में एकता का देश है, और यह एकता देश के बहुसंख्यक वर्ग की सहिष्णुता और सद्भाव की भावना के चलते बनी हुई है. मामला यूपी के बांदा (Banda) का है यहां एक हिंदू (Hindu) युवक ने संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की है. हिंदू युवक ने अपने मुस्लिम (Muslim) दोस्त की बहन को बचाने के लिए 230 किलोमीटर तक अपहरणकर्ताओं का पीछा करते हुए सही सलामत बचा लिया. बताया जा रहा है कि गांव के ही एक युवक ने किशोरी को बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया था. इसके बाद उसे चार युवकों को के हवाले कर दिया था. लेकिन हिंदू युवक की वजह से आज एक मुस्लिम घर की इज्जत बच गई.


हिंदी समाचारपत्र हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक मामला बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. गांव निवासी 17 वर्षीय युवती को बहला-फुसलाकर वहां के युवक ने अपहृत कर लिया. बांदा रेलवे स्टेशन से तुलसी एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाया. इसके बाद किशोरी को चार युवकों के हवाले कर दिया. चारों युवक किशोरी को मुंबई ले जा रहे थे. बहन के घर लापता होने की जानकारी पर परेशान मुस्लिम युवक ने अपने हिन्दू दोस्त को व्यथा सुनाई. दोस्त के घर की इज्जत बचाने के लिए उसने जी-जान लगा दिया. सबसे पहले दोनों दोस्त अतर्रा रेलवे स्टेशन गए. वहां पूछताछ की, लेकिन कोई पता नहीं चला. इसपर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए थाना, चौकी और स्टेशन मास्टर से मिले, लेकिन फुटेज देख नहीं पाए.


ट्रेन में सफर कर रहे दोस्त ने दी जानकारी

इस दौरान किशोरी के भाई की तीसरे दोस्त से बात हुई जो मुंबई जाने के लिए बांदा रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था. उसने किशोरी के भाई को बहन के अपहरण की जानकारी देते हुए उसके फोटो भी भेज दिया. इसके बाद साथी ट्रेन में किशोरी की तलाश शुरू कर दिए. तभी दोनों दोस्त भी बांदा स्टेशन पहुंच गए. ट्रेन में सवार दोस्त ने बताया कि कोच नंबर तीन में चार युवक तुम्हारी बहन को घेरे बैठे हैं.


महोबा तक किया कार से पीछा

इसके बाद हिंदू दोस्त ने अपनी बहन की कार मंगवाई और महोबा तक तुलसी एक्सप्रेस का पीछा किया. तबतक ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुंच गई. फिर मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन झांसी के लिए निकल चुकी थी. इस दौरान दोस्त कार से लगातार ट्रेन का पीछा करता रहा. 


किशोरी को छोड़ फरार हुए अपहरणकर्ता 

झांसी स्टेशन पर पहुंचने से पहले दोस्त ने जीआरपी से संपर्क कर कोच नंबर और किशोरी की फोटो भेजी. इसके बाद आनन-फानन में जीआरपी ने ट्रेन रुकते हुए कोच को घेर लिया. तलाशी शुरू की तो अपहरणकर्ता युवती को छोड़ कर फरार हो गए. झांसी जीआरपी और उसके हिंदू दोस्त की मदद से एक भाई को उसकी बहन सही सलामत मिल गई. यह मामला 10 जून का है. इसकी जानकारी तब हुई जब एक आरोपी को पकड़ा गया और थाना पुलिस ने बिना कार्रवाई छोड़ दिया. 


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