उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barbanki) जिले में रामसनेही घाट तहसील परिसर में ढहाए गए अवैध निर्माण को ‘100 साल पुरानी मस्जिद’ बताकर विरोध किया जा रहा है। तहसील में जिस जगह से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है, उस स्थान की शुक्रवार को फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने लखनऊ से आए इंडियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद मतीन खान सहित 5 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कई घंटों तक पूछताछ के बाद पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद मतीन खान सहित उनके साथ आए लोगों को फोटोग्राफी और वीडियो बनाता देखकर तहसील के राजस्व कर्मियों ने पुलिस को सूचना दे दी। राजस्व कर्मियों की सूचना पर कोतवाल सच्चिदानंद राय ने संदिग्ध पांचों लोगों को हिरासत में ले लिया और थाने ले जाकर पूछताछ की।
इनकी पहचान मोहम्मद मतीन खान, मोहम्मद साद व सुलेमान (निवासी मोहल्ला बरफखाना थाना ठाकुरगंज) तथा फारूक अहमद खान (निवासी नई बस्ती मुराद अली लेन थाना हुसैनगंज), मोहम्मद कामिल (निवासी यासीनगंज कैम्पवेल रोड थाना सआदतगंज जिला लखनऊ) के रूप में हुई। मामले में एसडीएम दिव्यांशु पटेल ने बताया कि इनकी एसडीएम आवास पर नमाज पढ़कर माहौल बिगाड़ने की साजिश थी।
वहीं, प्रभारी निरीक्षक सच्चिदानंद राय ने ब ताया कि कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में एक ही वाहन से लखनऊ से ये पांच लोग आए और विवादित स्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने लगे। शांति भंग की आशंका में इन सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि तहसील परिसर में बने अवैध भवन को ढहाने की कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई के बाद से ही अवैध भवन को 100 साल पुरानी मस्जिद बताकर प्रशासन का विरोध किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए पुननिर्माण की मांग की है। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाराबंकी प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात भी कही थी।
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