उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर (Ambedkar Nagar) जिले में गांव-गांव चंगाई सभा लगाकर बड़ी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन (Conversion) कराया जा रहा है। इनके निशाने पर आर्थिक रूप से कमजोर एवं कम पढ़ी-लिखी आबादी के लोग हैं। मालीपुर थाने में एक दर्जन से अधिक गांवों में तीन साल के अंदर करीब 300 परिवारों का धर्मांतरण कराया गया है। इनमें से कुछ परिवारों के सदरस्यों ने ईसाई मिशनरियों (Christian Missionaries) पर लालच देकर धर्मांतरण कराने की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के हासिमपुर जिंदासपुर के परशुराम प्रजापति ने बताया कि उनका एक ही बेटा है। उन्होंने बेटे को एमए-बीएड तक की पढ़ाई कराई। इसके बाद धूमधाम से शादी की, लेकिन धीरे-धीरे उसके व्यवहार में बदलाव आने लगा। करीब 2 साल पहले उनके बेटे प्रदीप की तबियत खराब रहने लगी तो उसे डॉक्टरों को दिखाया गया। दवा वगैरह से वह ठीक हो गया। इस बीच पड़ोस के गांव बसिया में लगने वाली चंगाई सभा में नियमित जाने वाला जगपत उनके घर आने-जाने लगा।
जगपत ने प्रदीप को जंगाई सभा में जाने पर ईसा मसीह के जादू से ठीक होने का विश्वास दिलाया। इसके बाद प्रदीप हर रविवार को इस सभा में जाने लगा। यहां प्रदी से कहा गहया कि उसके घर वाले हिंदू हैं, इसीलिए वह बीमार है। धर्मांतरण करते ही सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। घर वालों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने आपत्ति जताई, लेकिन जगपत आदि ने उसे घर-गाड़ी आदि का लालच देकर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया।
इसके बाद भी प्रदीप की तबीयत न सुधरने पर वह पूरे परिवार पर धर्म बदलने का दबाव डालने लगा। इसको लेकर घर में आए दिन विवाद होने लगा। परशुराम ने बताया कि करीब सालभर पहले इसी मुद्दे पर उसने उनका हाथ तोड़ दिया, बचाव में आई अपनी मां को भी पीटा। कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। धर्म न बदलने पर पूरे परिवार को जान का खतरा होने की मालीपुर थाने में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
Also Read: धर्मांतरण रैकेट: PM मोदी ने जिस इमरान शेख की 2-2 बार थपथपाई पीठ, वही हिंदुओं के प्रति जहर घोलता मिला
इसी तरह ठट्टा गांव के छोटेलाल चौरसिया की भी कहानी है। गांव के कई लोगों ने धर्मांतरण के बाद उनका बेटा अजय चौरसिया भी चंगाई सभा में जाने लगा। वहां लालच में आकर उसने भी धर्मांतरण कर लिया। छोटेलाल के मुताबिक, वह इसके लिए लगातार बेटे को मना करते रहे, लेकिन अब वह मारपीट पर उतारू रहता है। घर में हिंदू देवी-देवताओं की पूर्जा-अर्चना पर आपत्ति जताता है।
वहीं, कालेपुर महुअल के दीपू गौड़ अपनी पत्नी की हरकतों से परेशान हैं। दीपू लखनऊ में नौकरी करते हैं। उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी पिछले 10 रविवार से लगातार चंगाई सभा में जा रही है। इस पर उन्होंने फोन पर ही उसे सुधरने की चेतावनी दी।
दर्जनों गांवों में फैला है धर्मांतरण का नेटवर्क
अल्लीपुर कोडरा गांव की दलित बस्ती के 50 से अधिक परिवार इसकी जद में हैं। यहां के प्रधान कमलेश वर्मा ने बताया कि कई परिवार चंगाई सभा में शामिल होते हैं, लेकिन लिखापढ़ी में अभी धर्मांतरण नहीं किया गया है। कालेपुर महुअल के राजितराम के मुताबिक, उनके घर के पास ही सभा लगती है। यहां 60-70 लोगों की भीड़ जुटती है और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक बातें करते हैं। विरोध करने पर मारने की धमकी देते हैं। इस डर से कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं होता।
इस तरह ऊसरपुर, धमरुआ, नेमपुर, हुसैनपुर विपहन, नूरपुर कला, चितौना कला, श्यामपुर, इटौरी, कुढ़ा मोहम्मदपुर आदि गांवों में ईसाई मिशनरियों का नेटवर्क फैला है। स्थानीय भाजपा नेता अरविंद पांडेय की शिकायत पर बीते सोमवार को पुलिस तीन लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले गई थी। चालान के बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामला तूल पकड़ते देख एलआईयू टीम भी जांच करने पहुंची और अपनी रिपोर्ट आलाधिकारियो को भेजी है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )