उत्तर प्रदेश के जौनपुर (Jaunpur) जनपद के शाहगंज क्षेत्र स्थित सबरहद गांव में एक ही परिवार के 4 सदस्यों ने धर्म परिवर्तन (Conversion) कर लिया। इसके बाद से ही परिवार के तीन सदस्य लापता हैं। उधर, मामले की जानकारी होने पर गुरुवार को हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini) के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली का घेराव किया। लापता लोगों की बरामदगी व धर्मांतरण कराने वाले मौलाना की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने एसडीएम को भी पत्रक सौंपकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
धर्मांतरण कराने वाले मौलवी की गिरफ्तारी की मांग
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को हिंदू युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष अक्षत अग्रहरि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कोतवाली का घेराव करते हुए गायब हुए तीनों लोगों की बरामदगी व धर्मांतरण कराने वाले मौलवी व उनके साथियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रभारी निरीक्षक धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि मुकदमा दर्ज किया गया है जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा को भी ज्ञापन सौंपकर लापता हुए परिवार के तीनों सदस्यों की बरामदगी व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
मुस्लिम के घर काम करती थी महिला, अचानक करा लिया धर्मांतरण
पूरा मामला शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद गांव का है। यहां की रहने वाली केवलपत्ती के 3 बेटे और 5 बेटियां हैं। वह गांव के ही एक मुस्लिम के यहां घरेलू काम करती है। आरोप है कि कई साल पहले इस महिला ने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम अपना लिया और केवलपत्ती से नाम बदलकर हलीमा कर लिया और बुर्का पहनने लगी। इसके बाद उसने अपने दूसरे बेटे दिनेश का भी धर्म परिवर्तन कराकर उसे अब्दुल्ला और अपनी बेटी रबीता को धर्म परिवर्तन करा दिया।
बेटी रबिता को बना दिया अर्शिया
बेटी को रबीता से न सिर्फ अर्शिया बनाया बल्कि उसका खेतासराय थाना क्षेत्र के जैगहां गांव में किसी मुस्लिम युवक के साथ निकाह भी करा डाला। बात यहीं तक नही रुकी आज से करीब 4 महीने पहले महिला अपने शादीशुदा बड़े बेटे रमेश को भी उकसा के मुस्लिम बना दिया। रमेश जब बड़ी-बड़ी दाढ़ी रखने लगा और गांव स्थित मस्जिद में जाकर नमाज अदा करने लगा तो उसकी पत्नी पुष्पा ने इसका विरोध किया। रमेश की पत्नी पुष्पा नें इसकी खबर अपने मायके वालों को दी, मायके वालों ने आकर किसी तरह रमेश की दाढ़ी कटवाई और हिन्दू रीति-रिवाज से रहनें की बात कही।
बड़े बेटे को खोजने के लिए मौलाना ने 6500 रुपए
हिंदू रीति-रिवाज से रहने के लिए कहा गया तो यह बात रमेश को नागवार लगी। एकदिन सब्जी लेने बाजार जानें के बहाने रमेश घर से निकला फिर लापता हो गया। घर में पत्नी और 13 वर्षीय बेटी खुशबू लापता रमेश की खोजबीन करने लगे लेकिन कहीं कोई पता नही चला। थक हारकर पत्नी ने पति की वापसी के लिए एक मौलाना से मिली, मौलाना नें 6500 रुपये में पुष्पा के पति को वापस बुलाने का ठेका ले लिया, बेबसी झेल रही पत्नी पति को पानें के लिये कर्ज लेकर मौलाना को दिए, लेकिन आजतक उसका पति रमेश घर वापस नहीं आया।
रमेश की पत्नी का आरोप है कि काफी दिन पहले पुलिस से शिकायत करने पर पुलिस ने उसे शाहगंज कोतवाली बयान लेने के लिए उसे बुलाया था। जब वह कोतवाली गई तो वहां बुर्के में उसकी सास यानि केवलपत्ती (हलीमा) बैठी मिली, पुलिस ने उसे घर पर रहने की बात कहकर वापस भेज दिया। इसके बाद उसकी सासू यानि हलीमा अपने घर पहुंची तो बहू ने मुस्लिम लिबास देखकर घर में रखने से इनकार कर दिया।
हलीमा के 3 बेटों और 5 बेटियों में सभी की शादी हो चुकी है। बेटियों में केवल रबीता का मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह हुआ है। जबकि सबसे छोटा बेटा मंद बुद्धि का बताया जा रहा है। धर्म परिवर्तन के बाद से परिवार के चारो सदस्य घर छोड़कर फरार हैं। परिवार के भरण पोषण के लिए सबसे छोटा बेटा राजेश मजदूरी करता है, और बड़े बेटे की पत्नी पुष्पा घर मे ही टॉफ़ी-बिस्कुट की दुकान चलाकर घर का गुजारा करती हैं।
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