लव जिहाद (Love Jihad) का शिकार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बीजेपी प्रदेश कार्यालय के गेट पर मंगलवार को आग लगाकर आत्मदाह (Suicide) का प्रयास करने वाली महिला की अस्पताल में मौत हो गई है. महिला करीब 90 फीसदी तक जल चुकी थी और उसका इलाज सिविल अस्पताल के बर्न यूनिट में चल रहा था. सिविल अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सकों ने महिला को बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. साथ ही कहा कि वह गंभीर हालत में सिविल अस्पताल आई थी.
दअससल, 8 अक्टूबर को यह मामला सामने आया था, महराजगंज के गगहा के सोहगौरा की रहने वाली अंजना तिवारी उर्फ आयशा रजा ने डीआईजी कार्यालय में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि उसकी शादी 2012 में महराजगंज जिले के रहने वाले युवक से हुई थी. नशे के आदी पति से अक्सर विवाद होता था. 2015 में पति से रिश्ता टूट गया, जिसके बाद वह महराजगंज कस्बे में अपनी बहन के घर रहकर दुकान पर काम करती थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात महराजगंज कस्बे के वीर बहादुरपुर निवासी आसिफ रजा से हुई. रजा ने उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया. इसके बाद शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया, पुलिस से शिकायत करने पर मौलवी को बुलाकर निकाह कर लिया.
पीड़िता के मुताबिक लेकिन घरवालों ने अपने पास रखने से मना कर दिया. जिसके बाद आसिफ शहर के कूड़ाघाट में किराए पर कमरा लेकर रहने लगा. कुछ दिन बाद मकान बदलकर पादरी बाजार चला गया. युवती का आरोप है कि आसिफ इस समय दुबई में है, फोन करके धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा है. बात न मानने पर उसने रिश्ता तोड़ लिया है और खर्च भेजना भी बंद कर दिया है. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है. पति के धोखे से पीड़िता बहुत परेशान थी जिसके चलते उसने बीजेपी कार्यालय के गेट नंबर 2 पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह जैसा खौफनाक कदम उठाया.
इस बीच मामले में लखनऊ पुलिस ने पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे और कांग्रेस नेता आलोक प्रसाद पासी को हिरासत में लिया है. आलोक पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने के लिए लव जिहाद पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाया है. जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर आलोक की लोकेशन मिल रही थी. ये भी कहा जा रहा है कि आलोक महिला के संपर्क में भी था.
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