उत्तर प्रदेश में अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम (Maulana Umar Gautam) से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि उमर गौतम राजधानी लखनऊ (Lucknow) से संचालित एक और संस्था का पदाधिकारी है। वह लखनऊ की अल हरम एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन (Al Haram Education and Welfare Foundation) का वाइस प्रेसिडेंट (उपाध्यक्ष) है।
अवैध धर्मांतरण का आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के अल हरम एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का लखनऊ के मलिहाबाद स्थित रहमानखेड़ा में स्कूल चल रहा है। 10वीं तक सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में 500 बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का दावा किया जा रहा है। यह स्कूल करीब 9,000 स्क्वायर मीटर जमीन पर बना हुआ है। जांच में पता चला है कि लखनू के साथ ही हरदोई के रसूलपुर इलाके में भी अल हरम एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन गर्ल्स स्कूल चला रहा है।
अब यूपी एटीएस के रडार पर इस संस्था के सात सदस्य आ गए हैं। एटीएस इस संस्था के सभी बैंक अकाउंट्स की जांच कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस संस्था का अध्यक्ष इकबाल अहमद नदवी है। उमर गौतम उपाध्यक्ष है, नजीबुल हसन सचिव और अब्दुल हाई, मुहीब-ए-आलम, आमना रिजवान और मुशीर अहमद सदस्य हैं। संस्था के सचिव नजीबुल ने इन जानकारियों की पुष्टि की है। नजीबुल हसन ने बताया कि मामले के खुलासे के बाद उमर गौतम को उपाध्यक्ष पद से हटाया दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम भी हिंदू से मुसलमान बना है। उमर गौतम नई दिल्ली में इस्लामिक दावाह सेंटर के नाम से एक संस्था चलाता है, जिसके जरिए धर्मांतरण कराया गया। इस काम के लिए संस्था के बैंक खाते में और अन्य माध्यमों से भारी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए विदेशों से फंडिंग भी की जा जाती है, जिसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन में किया जाता है।
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मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर धर्मांतरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है। इसके द्वारा धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार किया जाता था।
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