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दरअसल, 2 जून को डासना के एक मंदिर में दो लोग जबरन दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. इन दोनों ने पुजारी पर हमले का प्रयास भी किया था. इसमें दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जब पूछताछ हुई तो एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया और दूसरे ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया. जांच के दौरान इनके पास से ब्लेड और कुछ संदिग्ध चीजें मिली. वहीं, मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो उसमें मोहम्मद उमर और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी का नाम सामने आया. जांच में पता चला कि मौलाना उमर और जहांगीर मोटिवेशनल थॉट के जरिए गैर मुस्लिम का धर्म परिवर्तन करवा कर उन्हें मुस्लिम बना रहे थे.
पूछताछ के बाद मौलाना गौतम तक पहुंची ATS
आश्रम से पकड़े गए विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता उर्फ काशिफ से ATS ने लंबी पूछताछ की, जिसमें पता चला कि विपुल विजयवर्गीय भी धर्मांतरण कर चुका है. काशी गुप्ता उर्फ काशी और विपुल विजयवर्गीय महराष्ट्र में काफी दिन रहे हैं. इन्हीं दोनों से पूछताछ के बाद मौलाना गौतम का सुराग मिला और धर्म परिवर्तन के इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ.
श्याम प्रसाद सिंह गौतम से उमर गौतम तक
मीडियो रिपोर्ट्स की मानें तो उमर गौतम ने खुद साढ़े तीन दशक पहले 20 साल की उम्र में धर्मांतरण कर हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया था. इस्लाम अपनाने के बाद से वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहे थे. इस सेंटर के जरिए वो दूसरे तमाम धर्म के लोगों को जो इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करते थे.
मूक-बधिर, गरीब, बेसहारा महिलाएं थीं इनका निशाना
इसके अलावा कमजोर आय वर्ग के लोगों और बेसहारा महिलाओं को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर ये दोनों उनका धर्मांतरण कराते थे. एटीएस के मुताबिक उमर और जहांगीर अब तक 1000 से अधिक लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण करा चुके हैं. दरअसल, 2 जून को दो लोग जबरन डासना मंदिर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे.
इन दोनों ने पुजारी पर हमले का प्रयास भी किया. जांच के दौरान इनके पास से ब्लेड और कुछ संदिग्ध चीजें मिलीं थीं. इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू हुई तो मौलाना उमर और जहांगीर के बारे में पता चला. एक-एक कर परतें खुलती चली गईं और अब यह बड़ी बात निकलकर सामने आई.
नोएडा स्थित मूक-बधिर स्कूल के 18 बच्चों का धर्मांतरण
यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार के मुताबिक नोएडा स्थित एक मूक-बधिर स्कूल के 18 बच्चों का धर्मांतरण कराया गया है. यह रैकेट दो साल से चल रहा था. इन आरोपियों के तार देशभर में हो सकते हैं. गिरफ्तार कर आरोपियों को दिल्ली से लखनऊ लाया जा रहा है. यूपी एटीएस ने इस काम में विदेश फंडिंग की आशंका कि से इनकार नहीं किया है.
- मोहम्मद उमर ने पूछताछ में बताया कि वह पहले हिंदू था. उसके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है. वह मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी से मिला, जो पहले से इस्लामी दावा नामक संस्था चला रहा था. इसका रैकेट नोएडा, मथुरा और कानपुर में फैला है.
- उमर गौतम ने बताया कि उसने अभी तक लगभग एक हजार गैर मुस्लिमों को धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाया है और उनकी शादी मुस्लिमों से करवाई है.
- उमर और उसके साथियों द्वारा धर्म परिवर्तन हेतु IDC (Islamic Dawah Centre) दिल्ली के जामिया नगर से चलाया जाता है.
- इस कार्य के लिए IDC के बैंक खातों में व अन्य माध्यों से भारी मात्रा में पैसे उपलब्ध करवाए जाते हैं। विदेशों से भी फंडिंग की जाती है.
- यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि Noida Deaf Society, नोएडा सेंटर, सेक्टर-117 गौतमबुद्धनगर के रेजिडेंशियर स्कूल में प्रलोभन देकर छात्रोंको इस्लमाम धर्म में शामिल करवाया जा रहा है.
- Noida Deaf Society एक कानपुर निवासी छात्र के परिजनों ने बताया कि उनका बच्चा मूक बधिर है, उसका धर्म परिवर्तन कर साउथ के किसी राज्य में ले जाया गया है. इस बारे में बच्चे ने मोबाइल से वीडियो कॉल कर अपने माता पिता जानकारी दी है. ऐसा ही हरियाणा के गुरुग्राम के बच्चे से जुड़ा मामला सामने आया है.
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