उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में ढाई साल पहले आयोजित हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान पुलिसकर्मियों (Police Personnel) को दिया गया ब्लेजर (Blazer) अब उनसे वापस मांगा जा रहा है। इसके लिए अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय आदित्य लांग्हे की ओर से पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) को निर्देश जारी किया गया है। अगर ब्लेजर 3 दिन के अंदर नहीं लौटाया गया तो पुलिसकर्मियों की सैलरी से कटौती की जाएगी। अब इसे लेकर पुलिसकर्मी पशोपेश में पड़े हुए हैं। इसका कारण ये है कि कई पुलिसकर्मियों को तो याद भी नहीं है कि उनका ब्लेजर कहां और किस हालत में है।
300 पुलिसकर्मियों को बांटा गया ब्लेजर
वाराणसी में 21 से 23 जनवरी 2019 तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। दुनिया भर से आने वाले प्रवासी भारतीयों के सामने उत्तर प्रदेश पुलिस की एक अच्छी छवि बने। इसके मद्देनजर 300 पुलिसकर्मियों को सूट-बूट और टाई पहनाकर जेंटलमैन कॉप के तौर पर ड्यूटी पर तैनात किया गया था। यही नहीं, इन पुलिसकर्मियों को अच्छा व्यवहार और बातचीत के लिए प्रशिक्षित भी किया गया था।
इन्हीं पुलिसकर्मियों में से कई की ड्यूटी सूट-बूट में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आगमन के दौरान भी लगाई जाती थी। ढाई साल पहले दिए गए उसी सूट-बूट की सुध अब पुलिस महकमे के अफसरों को आई है। अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय के निर्देश के क्रम में प्रतिसार निरीक्षक की ओर से भी सिपाहियों और दारोगाओं के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है कि वह 3 दिन में ब्लेजर जमा करें ताकि वीआईपी और वीवीआईपी के आगमन के दौरान सादे कपड़ों में तैनात होने वाले पुलिसकर्मी स्मार्ट लुक में दिखें।
ऐसा नहीं करने पर उनकी तनख्वाह से ब्लेजर की कीमत काट ली जाएगी। अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य लांग्हे के मुताबिक, प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन में करीब तीन सौ पुलिसकर्मियों को ब्लेजर दिया गया था। उन्होंने वे अभी तक वापस नहीं किए हैं। सभी से ब्लेजर वापस मांगा गया है।
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