अगर बात करें दुनिया में सबसे धीमे चलने वाले जीव की तो उसका नाम तो आप सबको पता ही होगा. जिनको नहीं पता है उनको बता दें ये घोंघा यानी कि स्नेल है. अगर हम कहें तो यूपी पुलिस के एक सिपाही की चाल इससे भी धीमी है तो शायद आपको हैरानी होगी लेकिन ये सच है. मामला प्रयागराज का है, जहां एक सिपाही को महज तीन मील की दूरी तय करने में पूरे 2245 दिन लग गये. सिपाही का तबादला 2012 में नैनी थाने से जीआरपी प्रयागराज (Prayagraj) के लिए हुआ था. पर, उसने 2019 में अपनी आमद कराई. बीते छह महीने से मामले की फाइल कार्यालय में रखी थी. अब इसकी जांच 14 जुलाई को जीआरपी सीओ कानपुर को सौंपी गयी है.
छह महीने से कार्यालय में दबी थी मामले की फाइल
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज (Prayagraj) के थाना नैनी में तैनात सिपाही शैलेंद्र कुमार सरोज का तबादला 19 सितंबर 2012 को जीआरपी इलाहाबाद के लिए हुआ था. तबादले के बाद ही सिपाही नैनी थाने से रिलीव हुआ, लेकिन जीआरपी थाने पहुंचा नहीं. सिपाही के गायब होने की जांच शुरू हुई, मगर उसके बारे में कुछ पता नहीं चला. बीते 11 जनवरी 2019 को अचानक वह प्रकट हुआ और जीआरपी इलाहाबाद थाना में आमद दर्ज करा दी. मामले की फाइल पिछले छह महीने से कार्यालय में ही रखी हुई थी.
कानपुर जीआरपी सीओ को सौंपी गयी जांच
अब बीते 14 जुलाई को मामले की जांच बैठाई गयी है. जिसमें सिपाही को ड्यूटी से 2244 दिन 21 घंटे और 30 मिनट गैरहाजिर बताया गया है. प्रयागराज (Prayagraj) के इस सिपाही ने जवाब में बीमारी को कारण बताया है, लेकिन जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. ऐसा माना जा रहा है कि सिपाही के इतने दिन तक लापता होने के बीच थाने के कुछ स्टाफ का भी हाथ है. मामले की जांच कानपुर जीआरपी सीओ राजेश कुमार द्विवेदी को सौंपी गयी है.
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