राजू पाल की पत्नी और विधायक पूजा पाल (MLA Pooja Pal) ने समाजवादी पार्टी से खुली बगावत कर दी है। वह अब भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रही हैं और फूलपुर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार दीपक पटेल के लिए वोट मांग रही हैं। पूजा पाल ने राज्यसभा चुनाव में भी क्रॉस वोटिंग की थी, लेकिन तब तक वे सार्वजनिक रूप से सपा के खिलाफ नहीं बोली थीं। अब, खुलकर भाजपा का समर्थन कर रही हैं।
‘अब मैं योगी आदित्यनाथ के साथ हूं’
फूलपुर में भाजपा की बढ़ती पकड़ में पूजा पाल की भूमिका अहम मानी जा रही है। यहां 20,000 के करीब पाल बिरादरी के वोटर हैं, जिनमें पूजा की अच्छी पैठ है। दैनिक भास्कर से बातचीत में पूजा पाल ने कहा, ’18 साल तक मैंने माफिया अतीक अहमद से लड़ाई लड़ी। मेरे पति की हत्या हुई थी, और न्याय के लिए हमें लंबा संघर्ष करना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय दिलाया है, और अब मैं उनके साथ हूं।’
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माफिया अतीक से लड़ाई थी चुनौतीपूर्ण
पूजा पाल ने बताया कि उनके पति, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या 2005 में दिनदहाड़े कर दी गई थी। इसके बाद से पूजा न्याय के लिए संघर्षरत रहीं। उन्होंने कहा, “मेरे पति की हत्या के बाद भी मैं डरी नहीं, बल्कि दृढ़ता से न्याय की लड़ाई लड़ी। 18 सालों तक अतीक अहमद जैसे माफिया का सामना करना आसान नहीं था। सभी ने आश्वासन दिए, लेकिन असली न्याय हमें सीएम योगी के शासन में ही मिला है।”
विधानसभा का सफर और अब भाजपा का समर्थन
पूजा पाल का राजनीतिक सफर 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने से शुरू हुआ। इसके बाद, 2012 में भी वे बसपा से चुनाव जीतकर विधायक बनीं। 2017 में बसपा से चुनाव हारने के बाद, 2022 में सपा के टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से जीतकर विधायक बनीं।
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फूलपुर में जातीय समीकरण पर भाजपा का जोर
फूलपुर में जातीय समीकरण का असर चुनावी गणित पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सपा ने लोकसभा चुनाव में अमरनाथ मौर्य को प्रत्याशी बनाया था, और तब सपा को फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली थी। लेकिन इस बार मुस्लिम उम्मीदवार के चुनावी मैदान में उतरने के बाद समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। पूजा पाल के भाजपा के समर्थन में आने से भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
पूजा पाल की सपा से बगावत और भाजपा के प्रति समर्थन से यह स्पष्ट है कि इस उपचुनाव में भाजपा को पाल बिरादरी और अन्य जातियों में बढ़त मिल सकती है।