UP को जल्द मिलेगा स्थायी DGP, केंद्र ने मांगा प्रपोजल, 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई

उत्तर प्रदेश को जल्द नया डीजीपी (DGP) मिलने की उम्मीद फिर से बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजे गए प्रस्ताव की प्रति मांगी है। यह पत्र केवल यूपी ही नहीं, बल्कि उन सभी राज्यों को भेजा गया है, जहां अभी तक स्थायी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है।

गृह मंत्रालय ने छह राज्यों को भेजा पत्र

भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी संजीव कुमार ने यूपी, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें राज्यों से डीजीपी की नियुक्ति के लिए UPSC को भेजे गए प्रस्तावों की प्रति मांगी गई है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई राज्य सरकारें गृह मंत्रालय को पूर्ण प्रस्ताव नहीं भेज रही हैं, जबकि नियम के अनुसार प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग के साथ-साथ गृह मंत्रालय को भी भेजा जाना चाहिए।

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25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

यूपी समेत छह राज्यों में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में अवमानना मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में वकील सावित्री पांडेय ने याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई 9 दिसंबर को हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने UPSC को निर्देश दिया था कि वह अपनी प्रक्रिया जारी रखे और अगली सुनवाई से 10 दिन पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय का पत्र सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को ध्यान में रखते हुए भेजा गया है।

यूपी में 33 महीने से कार्यवाहक डीजीपी

उत्तर प्रदेश में पिछले करीब तीन साल से स्थायी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है। 11 मई 2022 को तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाए जाने के बाद से अब तक चार कार्यवाहक डीजीपी बदले जा चुके हैं।

देवेंद्र सिंह चौहान – कार्यकाल: 11 मई 2022 – 31 मार्च 2023
राजकुमार विश्वकर्मा – कार्यकाल: 31 मार्च 2023 – रिटायरमेंट तक
विजय कुमार – कार्यकाल: 31 जनवरी 2024 तक
प्रशांत कुमार – वर्तमान कार्यवाहक डीजीपी

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विधानसभा में उठा स्थायी डीजीपी का मुद्दा

24 फरवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने स्थायी डीजीपी की नियुक्ति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार तीन नाम UPSC को भेजे जाने चाहिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी अलग कमेटी बना ली और अब तक नियुक्ति नहीं की। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार डीजीपी की नियुक्ति क्यों नहीं कर रही? क्या सरकार डीजीपी को भी संविदा पर रखने की योजना बना रही है?

सरकार ने नियम बनाए, लेकिन अमल नहीं हुआ

नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर एक नई नियमावली बनाई थी, जिसमें कहा गया था कि डीजीपी की न्यूनतम सेवा अवधि छह महीने होगी और यदि किसी अधिकारी के रिटायरमेंट में दो साल से कम समय बचा है तो उसे डीजीपी नहीं बनाया जाएगा। हालांकि, इस नियमावली को अभी तक लागू नहीं किया गया है और सरकार ने डीजीपी नियुक्ति के लिए कोई कमेटी भी नहीं बनाई है।

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