अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब वाराणसी (Varanasi) में काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) की मुक्ति के लिए संत समाज ने कमर कस ली है। इसके लिए अगले साल देश भर से शीर्ष संत महात्मा काशी में जुटने वाले हैं। इस दौरान एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संतों के अलावा विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि बैठक को सफल बनाने के लिए अखिल भारतीय संत समिति ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि अगले साल 2 और 2 जनवरी को वाराणसी में देशभर के शीर्ष संत जुटेंगे और यहां होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
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बैठक में अखाड़ा परिषद के अलावा देश के प्रमुख पीठों के पीठाधीश्वर शामिल होंगे। योगगुरू बाबा रामदेव और आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय के साथ ही आरएसएस के सीनियर लीडर कृष्ण गोपाल भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, काशी विश्वनाथ की मुक्ति के अलावा इस बैठक में आगामी कुंभ मेले की व्यवस्था और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े तमाम विषयों पर भी चर्चा की जाएगी। संतों के अनुसार, राम मंदिर निर्माण से आम जनता को जोड़ना भी एक बड़ा विषय है।
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वहीं, स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में निर्माणधीन राम मंदिर से जनता को जोड़ने के संबंध में भी इस बैठक में रणनीति बनाई जाएगी। इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्वीट कर राम मंदिर के लिए दान जुटाने की जानकारी दी है।
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