उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) जनपद से गिरफ्तार प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों परवेज अहमद (Parvez Ahmed) और रईस अहमद (Raees Ahmed) के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। ये दोनों कई दिनों से मुस्लिम युवाओं को भड़काऊ मैसेज भेज रहे थे। प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में हुई अतीक-अशरफ की हत्या समेत यूपी से जुड़े प्रत्येक मामले को इस्लाम से जोड़कर युवाओं को लगातार भड़का रहे थे, ताकि मौका मिलते ही प्रदेश का माहौल खराब किया जा सके।
नजर जमाए हुए थीं जांच एजेंसियां
जानकारी के अनुसार, बीते कई दिनों से जांच एजेंसियां इन दोनों के सोशल मीडिया अकाउंट्स और मोबाइल के मैसेज पर नजरें जमाए हुई थीं। दोनों की गतिविधियां बढ़ने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के साथ ही उनसे जुड़े युवाओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दरअसल, पीएफआई पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध लगाने के बाद से ही उसके सदस्य अंदर ही अंदर संगठन से सहानुभूति रखने वाले युवाओं को जोड़ने में जुटे थे।
सूत्रों के मुताबिक, इसका आदेश केरल में पीएफआई हेडक्वार्टर के पदाधिकारियों की तरफ से दिया जा रहा था। परवेज और रईस सीएए, एनआरसी प्रकरण के समय से सक्रिय थे। दोनों असम तथा अन्य राज्यों में पीएफआई, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के संपर्क में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। एटीएस ने दोनों के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है, ताकि उससे अहम जानकारियां हाथ लग सके।
एनआईए अफसरों ने की है पूछताछ
एटीएस की गिरफ्त में आने के बाद एनआईए के अफसरों ने भी दोनों से पूछताछ की है। वहीं, जिन 75 लोगों को बीते दो दिन के दौरान एटीएस ने हिरासत में लिया था, उनसे बाण्ड भरवाकर छोड़ दिया गया है। इन्हें शहर छोड़कर नहीं जाने और पुलिस की निगरानी में रहने की हिदायत दी गई है। इन सभी के मोबाइल एटीएस ने जांच के लिए अपने कब्जे में लिए हैं।
वहीं, एटीएस के अधिकारी ये भी पता लगा रहे है कि परवेज और रईस जैसे फरार सदस्यों के जरिए पीएफआई की जगह किसी नए संगठन की नींव रखने की तैयारी तो नहीं की जा रही थी। इनका दारुल ए इस्लाम संगठन से जुड़ाव के बारे में भी छानबीन की जा रही है। दरअसल, पीएफआई और उसके आठ सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगने के बाद बाकी सदस्यों को जोड़े रखने के लिए लगातार कोशिश जारी है। इसके लिए नए लोगों को भी जोड़ा जा रहा है जिनका कोई पुराना आपराधिक इतिहास न हो और वे पीएफआई के पदाधिकारियों पी. कोया, कमाल केपी आदि को जेल से बाहर निकालने के लिए पैरोकारी भी कर सके।
केरल में ली थी दोनों ने ट्रेनिंग
परवेज और रईस दिल्ली, केरल, यूपी आदि में आयोजित होने वाली पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों की कार्यशालाओं में शामिल होते थे, जहां उनको देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाती थी। दोनों को ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने का जिम्मा सौंपा गया था ताकि उनकी मदद से इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा दिया जा सके। दोनों के पाकिस्तान, बांग्लादेश अथवा अन्य किसी खाड़ी देश में जाने की पुष्टि भी की जा रही है।
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