वाराणसी में UP STF को मिली बड़ी सफलता, 2 लाख का ईनामी बदमाश एनकाउंटर में ढेर

उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ की दोबारा ताजपोशी की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति के अंतर्गत लगातार अपराधियों की धरपकड़ जारी है। मामला वाराणसी का है, जहां एसटीएफ ने दो लाख के इनामी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की दूसरी बार सरकार बनने के बाद यह पहला बड़ा एनकाउंटर है। एसटीएफ द्वारा मुठभेड़ में वह घायल हो गया था, जिसे तुरन्त उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।

लोकेशन मिलने के बाद हुई कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक वाराणसी पुलिस के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में मनीष सिंह सोनू का नाम शामिल था। वह वाराणसी पुलिस के लिए पहेली बन गया था। मनीष सिंह पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर और गाजीपुर समेत कई जिलों में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था। एसटीएफ को सोनू की लोकेशन लोहता के पास मिलने के बाद कार्रवाई शुरू हुई। एसटीएफ ने उसे वाराणसी ग्रामीण के लोहता इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। मौके से अपराधी के पास से एक 38 बोर की पिस्टल व 9 एमएम की कारबाईन तथा ढेर सारे कारतूस बरामद हुए है।

मनीष सिंह मीरजापुर के एक कंपनी के जनरल मैनेजर की हत्या तथा वाराणसी के चर्चित पत्रकार एनडी तिवारी की हत्या में वांछित था। इसके अलावा इसके द्वारा पूर्वान्चल में कई जघन्य हत्याएं तथा लूट की घटनायें शामिल हैं। पूर्व में मुठभेड़ के दौरान कई बार पुलिस पर हमला कर वह फरार हो चुका था। पिछले दिनों चौकाघाट दोहरे हत्याकांड में उसका नाम सामने आया था। रोहनिया पुलिस भी एक मामले में सोनू की तलाश कर रही थी।

मनीष सिंह सोनू एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर के रहने वाले अनिल सिंह का वह बेटा था। सोनू बचपन से अपने मामा सुरेंद्र सिंह के यहां चोलापुर के उंदी गांव में रहता था। बचपन से ही वह बदमाश था। बाद में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसने साथियों के साथ मिलकर गैंग बनाया और कई लूट की घटनाओं को अंजाम देकर चर्चा में आ गया। इन मामलों में वह चार साल की जेल की सजा भी काट चुका था।

जेल से बाहर निकलने के बाद बनाया गैंग

जेल जाने के बाद उसके सुधरने की उम्मीद लोग लगा रहे थे, लेकिन हुआ उसका उलटा। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपना गैंग बना लिया। उसके गैंग ने 59 लाख रुपये बैंक कैश लूट की घटना को अंजाम दिया और सबकी नजरों में आ गया। कहा जाता है कि जेल में रहने के दौरान उसकी दोस्ती सनी सिंह उर्फ रोहित सिंह और रोशन गुप्ता किट्‌टू से हो गई थी। उनके साथ मिलकर वह लूट की घटनाओं को अंजाम देता था। सनी सिंह, रईस बनारसी और किट्टू के मारे जाने के बाद वही गैंग को चला रहा था।

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