जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस हमले की साजिश कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने रची थी, जिसे पाकिस्तान का संरक्षण प्राप्त है। इस हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान के दोहरे चेहरे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बिलावल भुट्टो का बड़ा कबूलनामा
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जरदारी ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान का अतीत आतंकवादी समूहों के साथ संबंधों से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा, “यह कोई रहस्य नहीं है कि पाकिस्तान का अतीत ऐसा रहा है। हमने आतंकवाद और चरमपंथ की लहरों का सामना किया है, और इससे हमें नुकसान भी हुआ है।”उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने इन त्रुटियों से सीख ली है और अब आंतरिक सुधारों की दिशा में काम कर रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा की आतंकियों को पालकर हमले गलती की है।
बयान में संतुलन, लेकिन जुबानी जंग जारी
भुट्टो ने जहां अपने देश के इतिहास की खामियों को स्वीकार किया, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आज का पाकिस्तान उस दौर से काफी आगे निकल चुका है। बावजूद इसके, उनकी रैलियों में भारत को लेकर आक्रामक तेवर भी नजर आए।
युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी
मीरपुर खास में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भुट्टो ने कहा, “पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर भारत ने उकसाया, तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की एकता की दहाड़ “कानफोड़ू” होगी।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने भी स्वीकारा
कुछ दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक इंटरव्यू वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका स्वीकार की। उन्होंने कहा, “हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए यह काम किया। यह हमारी बड़ी गलती थी, जिसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी है।”