ममता के धरने में शामिल इन पांच IPS अफसरों से छीन लिया जाएगा मेडल

सीबीआई विवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यंत्री ममता बनर्जी के साथ धरने में शामिल पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है। केंद्र सरकार ने पांच पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है जिन्होंने धरने में हिस्सा लिया था। धरना में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों से चार फरवरी को जानकारी भी मांगी गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईपीएस) के पांच अधिकारियों के पदक छीने जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये फरमान जारी किया है।


वापस लिए जा सकते हैं आईपीएस अधिकारियों के मेडल और सम्मान

बता दें कि कुछ दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच टकराव पर चर्चा की थी। इस मुद्दे पर बंगाल के राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट सौंपी थी। वहीं, पिछले रविवार को सीबीआई की टीम चिट फंड मामले में पूछताछ करने पहुंची थी। इस दौरान सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस हिरासत में लेकर जबरन थाने में ले गयी।


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मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर डीजीपी वीरेंद्र (1985 आईपीएस बैच), एडीजी विनीत कुमार (1994 आईपीएस बैच), एडीजी अनुज शर्मा (1991 आईपीएस बैच) बिधाननगर के कमिश्नर ज्ञानवंत सिंह (1993 आईपीएस बैच), एडिशनल कमिश्नर सुप्रतिम सरकार (1997 आईपीएस बैच) के खिलाफ करवाई करने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों के मेडल और सम्मान वापस लिए जा सकते हैं। इन अधिकारियों का नाम इंपैनल्ड लिस्ट से हटाने की तैयारी चल रही है।


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इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में उतरीं और धरने पर बैठने का ऐलान किया। ममता ने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पोंजी योजना घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ रविवार शाम धरना शुरू किया था।


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