उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीतापुर (Sitapur) में बीएसए और प्रधानाचार्य के बीच विवाद के कारण चर्चा में आई प्राइमरी शिक्षिका अवंतिका गुप्ता (Avantika Gupta) को निलंबित कर दिया गया है। अवंतिका गुप्ता महमूदाबाद के नदवा स्कूल में तैनात थीं। सूत्रों के अनुसार, उनकी नियमित उपस्थिति नहीं थी और लगातार अनुपस्थिति के कारण यह विवाद सामने आया। वही सामने आया ही की अवंतिका गुप्ता सोशल मीडिया पर भी काफी ऐक्टिव है।
हाजिरी को लेकर बीएसए और प्रधानाचार्य में बहस
स्कूल में शिक्षिका की हाजिरी न होने पर बीएसए अखिलेश सिंह ने प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा से बात की। फोन कॉल रिकॉर्ड में सामने आया कि बीएसए ने हेडमास्टर से कहा, ‘अगर लोग पूछें तो टीचर को मेडिकल लीव बता दें।’ हेडमास्टर ने जवाब दिया कि कम से कम एक दिन तो स्कूल आएं, क्योंकि उनकी गाड़ी रोज़ प्रधान के घर के सामने से गुजरती है और लोग सवाल कर सकते हैं।
प्रताड़ना का आरोप और मारपीट
हेडमास्टर की पत्नी सीमा वर्मा ने आरोप लगाया कि बीएसए द्वारा अवंतिका गुप्ता की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला गया और प्रताड़ना की गई। इस शिकायत पर हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया। बीएसए कार्यालय में बहस इतनी बढ़ गई कि मारपीट का मामला सामने आया। पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और चर्चा का विषय बन गया।
सोशल मीडिया वायरल है अवंतिका
शिक्षिका अवंतिका गुप्ता सोशल मीडिया पर भी काफी फेमस है। वह अक्सर ट्रेंडिंग और वायरल गानों पर रील्स बनाती थीं और ऑनलाइन फॉलोअर्स के बीच अच्छी पहचान रखती है। लेकिन, इस पूरे मामले से यह सवाल उठता है कि अगर अवंतिका गुप्ता स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं थीं, लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहती थीं, तो क्या यह उनके पेशेवर कर्तव्यों का उल्लंघन नहीं है? आखिरकार, एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी बच्चों को शिक्षित करना है।