उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रभावशाली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) की पत्नी भानवी सिंह (Bhanvi Singh) के नाम रजिस्ट्री जमीन को जब्त कर लिया है। इस कार्रवाई पर अब राजा भैया और भानवी सिंह की बेटी राघवी कुमारी (Raghavi Kumari) ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) से अपील की है।
राघवी कुमारी की मुख्यमंत्री को अपील
खेती के सबूत होने के बावजूद सरकार ने मेरी माँ की ज़मीन छीन ली उनके संपर्क विवरण बदल दिए कोई नोटिस नहीं भेजा एक धोखेबाज़ वकील ने अदालत में उनका प्रतिनिधित्व किया मिलीभगत अपने सबसे बुरे रूप में @ukcmo आप इस अन्याय को बढ़ावा देंगे या निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेंगे @BJP4India https://t.co/nVrzQg4pr2
— Raghavi Kumari (@RaghaviBhadri) April 6, 2025
राघवी कुमारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से यह सवाल किया कि जब उनके पास खेती के स्पष्ट सबूत हैं, तो सरकार ने उनकी मां की जमीन क्यों छीन ली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके संपर्क विवरण में बिना सूचना के बदलाव किया गया और कोई नोटिस भी नहीं भेजा गया। राघवी ने सीएम धामी से यह स्पष्ट करने की अपील की है कि क्या वह इस अन्याय को बढ़ावा देंगे या निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेंगे।
परिवारिक विवाद
भानवी सिंह और राजा भैया के बीच वैवाहिक विवाद लंबे समय से चल रहा है। हाल ही में राघवी कुमारी अपनी मां के पक्ष में खुलकर सामने आई थीं। उन्होंने राजा भैया की तरफ से उनकी मां पर लगाए गए आरोपों का जोरदार जवाब दिया था। इस बार भी उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की एक पोस्ट में अपने पिता के समर्थक कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी की टिप्पणियों को निशाना बनाया।
कानून एवं न्याय मंत्रालय से भी हस्तक्षेप की गुजारिश
राघवी कुमारी ने एक अन्य पोस्ट में कानून और न्याय मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा कि जब कोई नेता मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है, तो वह अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने का वादा करता है और उनके कार्यकाल में सत्य की जीत की उम्मीद की जाती है।
क्या है विवाद?
राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह के नाम पर नैनीताल जिले में खरीदी गई करोड़ों की कृषि भूमि को उत्तराखंड सरकार ने जब्त कर लिया था। यह जमीन 2006 में सिलटौना गांव के कैंची धामी क्षेत्र में खरीदी गई थी, जिसमें 555 हेक्टेयर कृषि भूमि (27 नाली) शामिल थी।उत्तराखंड सरकार ने अपने सख्त भू-कानून के तहत यह कार्रवाई की थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इस भूमि का वास्तविक उपयोग कृषि और औद्यानिकी गतिविधियों के लिए नहीं किया गया था, और 17 साल बाद भी जमीन का वास्तविक उपयोग शुरू नहीं किया गया।