देश में इन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमान जी को लेकर दिए गए बयान पर सियासतदानों से लेकर धर्मावलम्बियों ने मोर्चा खोल दिया है. यहाँ तक कि ब्राह्मण सभा ने योगी के बयान को लेकर उन्हें नोटिस तक भेज दिया है. लेकिन क्या सच में योगी ने हनुमान जी को दलित बताया है? जी नहीं! सीएम योगी ने हनुमान जी को दलित नहीं बताया है.. ये हम नहीं कह रहे सीएम योगी के उस बयान वीडियो में साफ़-साफ़ सुनाई दे रहा है कि योगी ने हनुमान जी को दलित नहीं बोला.
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वीडियो को एक बार सुनने पर आप भी मीडिया की तरह धोखा खा जायेंगे और आपको लगेगा कि सीएम योगी ने हनुमान जी को दलित बोला लेकिन अगर वीडियो को आप ध्यान से सुने तो आपको सच्चाई समझ आ जायेगी.
अगर हम सीएम योगी का पूरा भाषण सुने तो वो कहीं नहीं कह रहे कि हनुमान जी दलित थे, वह यह कहते हैं कि बजरंगबली हमारी भारतीय परम्परा में ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं..इसके बाद योगी रुके और आगे कहा…बजरंगबली ऐसे देवता हैं जो सबको लेकर चलते हैं, दलित, वंचित सबको जोड़ने का कार्य करते हैं, पूरब से पश्चिम को जोड़ने का कार्य करते हैं. अगर इस पूरे सन्दर्भ को समझे तो सीएम योगी यह बता रहे हैं कि हनुमान जी किसी मे भेद नही करते वह सबको साथ लेकर चलते हैं, इसलिए उनके जैसा ही संकल्प होना चाहिए.
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बता दें कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करने के दौरान सीएम योगी ने यह बयान दिया था. जिसे लेकर देश में सियासी बवाल मचा पड़ा है. मीडिया द्वारा दिखाए गयी रिपोर्ट पर ब्राह्मण सभा ने त्यौरियां चढ़ा ली हैं. ब्राह्मण सभा ने हनुमान जी को जाति में बांटने का आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजा है.
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