UP में सड़कों की सेहत सुधारने योगी सरकार उतार रही ‘रोड एंबुलेंस’, आखिर कैसे, यहां पढ़ें

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सड़कों की सेहत सुधारने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) अब रोड एंबुलेंस उतारने जा रही है. सड़कों को गड्ढ़ामुक्त करने के अभियान को राज्य सरकार नई रफ्तार देने जा रही है. प्रदेश के करीब आधा दर्जन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत लोक निर्माण विभाग रोड एंबुलेंस तैनात करने जा रहा है. रोड एंबुलेंस की तैनाती के साथ राज्य सरकार यूपी में सड़कों का नया मानक तय करने जा रही है.


रोड एंबुलेंस योजना के जरिये योगी सरकार एक साथ तीन मोर्चें पर काम कर रही है. सड़कों को गड्ढामुक्त करने के साथ सरकार की योजना क्षतिग्रस्त सड़कों की तत्काल मरम्मत कर बड़े नुकसान को रोकने की है. रोड एंबुलेंस की मौजूदगी से सड़कों की नियमित सुरक्षा, सफाई और देखरेख की योजना को भी सरकार अंजाम तक पहुंचाने जा रही है.


40 लाख रुपये से अधिक की लागत से तैयार हो रही है रोड एंबुलेंस

मिक्स, जेनरेटर, समेत सड़क निर्माण से जुड़ी तमाम तकनीकी और गैंग से लैस एक रोड एंबुलेंस 40 लाख रुपये से अधिक की लागत से तैयार हो रही है. देश के किसी भी राज्य में इस्तेमाल होने वाली यह सबसे अत्याधुनिक रोड एंबुलेंस मानी जा रही हैं. पहले चरण के लिए योगी सरकार (Yogi Government) करीब दर्जन भर रोड एंबुलेंस तैयार कर रही है. रोड एंबुलेंस की तैनाती पहले चरण में लखनऊ, कानपुर समेत प्रदेश के करीब आधा दर्जन महानगरों में की जाएगी. लोक निर्माण विभाग जनवरी के बाद रोड एंबुलेंस (Road Ambulance) को सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रहा है.


विभागीय अधिकारियों ने बताया कि रोड एंबुलेंस में सड़क मरम्मत की सभी तकनीकी सुविधाओं और मरम्मत सामग्री के साथ ही 3 से 4 कर्मचारियों की तैनाती भी की जाएगी. सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में खुद एंबुलेंस उसकी मरम्मत करेगी. लोगों से सूचना मिलने के आधार पर भी मौके पर पहुंच कर सड़क को दुरुस्त किया जाएगा.


योगी सरकार बनाएगी सड़कों को गड्ढा मुक्त

गौरतलब है कि योगी सरकार प्रदेश भर में नई सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का अभियान भी लगातार चला रही है. रोड एंबुलेंस योजना को इस दिशा में राज्य सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है. रोड एंबुलेंस योजना यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने की दिशा में एक नजीर बन सकती है.


सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने बताया कि रोड एम्बुलेंस को अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा जा रहा है. अवश्यकता के अनुसार इसको समय-समय पर विस्तार किया जाएगा. उप्र देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर सड़कों का सबसे बड़ा जाल है. इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी हम पर है. रोड एम्बुलेंस बहुत किफायती, सड़कों के त्वारित सुधार में सहायक होगी. मौर्या ने कहा कि हमारा प्रयास है प्रदेश की जनता को अच्छी सुविधा उपलब्ध हो, इसलिए एम्बुलेंस की सुविधा की शुरूआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है. इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा.


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