उत्तर प्रदेश में अब किसी भी नए मदरसे (New Madrasas) को सरकारी अनुदान (Government Grant) नहीं मिलेगा। योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) की मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व की अखिलेश सरकार के फैसले को पलटते हुए नए मदरसों को अनुदान लिस्ट पर लिए जाने की नीति को समाप्त करने का फैसला लिया गया है।
दरअसल, अखिलेश सरकार ने अनुदान लिस्ट में शामिल 146 में से 100 मदरसों को शामिल कर लिया था। इसके बाद इन मदरसों का अनुदान भी शुरू कर दिया गया था, जबकि बाकी 46 मदरसों का मामला अभी चल रहा था। इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि ये मदरसे मानक ही पूरा नहीं कर रहे थे। अब कैबिनेट में इस नीति को ही समाप्त कर दिया गया है तो किसी भी नए मदरसे को अनुदान की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि अरबी-फारसी मदरसों में से वर्ष 2003 तक के आलिया (10वीं) स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने संबंधी नीति को समाप्त किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया था। इस प्रस्ताव के अनुमोदित होने के बाद अब किसी भी नए मदरसो को अनुदान सूची पर नहीं लिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस समय उत्तर प्रदेश में 560 मदरसों को अनुदान मिल रहा है। इसके तहत शिक्षकों, गैर शिक्षक कर्मचारियों का वेतन और भत्ता शामिल है।
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