उत्तर प्रदेश के योगी सरकार (Yogi government) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से अनुरोध किया है कि वे सभी जिला अदालतों को बलात्कार और पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के आधर पर करने के लिए निर्देश जारी करे। सरकार के विधि विभाग की तरफ से यह अनुरोध किया गया है।
अनुरोध में कहा गया है कि महिला अपराधों से जुड़े मामले के त्वरित निपटारे के लिए हाईकोर्ट सभी जिला अदालतों को लिखित आदेश जारी करे ताकि गुनाहगारों को सजा दिलाई जा सके। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 20 हजार से ज्यादा रेप के मामले लंबित हैं।
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हालांकि कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश में 1835 महिला अपराधों में वादों का निपटारा किया गया, जबकि 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा भी हुई। वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक महिला अपराध के मामले में गुनाहगारों को सजा दिलवाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।
जानकारी के अनुसार, अभी तक योगी सरकार में बलात्कार के मामलों में पांच अपराधियों को फांसी की सजा मिल चुकी है, जबकि 193 मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 2019 में महिला संबंधी वादों के कुल 15116 मामले निस्तारित हुए।
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एनसीआरबी के क्राईम इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2016 के मुकाबले 2020 में बलात्कार के मामलों में 42 फ़ीसदी की कमी आई है। महिला अपहरण के मामलों में 39 फ़ीसदी कमी आई है।
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