उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने स्तर से बल्क ड्रग पार्क/फॉर्मा पार्क (Pharma Park) की स्थापना करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट या वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इसका एलान हो सकता है। सरकार ललितपुर (Lalitpur) के सैदपुर में उसी स्थान पर पार्क की स्थापना का विचार कर रही है, जहां के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
यूपी, महाराष्ट्र सहित 10 राज्यों के प्रस्ताव नामंजूर
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश में तीन बल्क ड्रग/फार्मा पार्क स्थापित करने की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जनपद के सैदपुर में 2000 एकड़ भूमि पर पार्क स्थापना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। 12 अन्य राज्यों ने भी दावेदारी की थी। केंद्र सरकार ने अक्टूबर-नवंबर 2022 में इस प्रोजेक्ट के लिए आंध्र प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चयन कर लिया।
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उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित 10 राज्यों के प्रस्ताव मंजूर नहीं हो सके। वहीं, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर प्रदेश को फार्मा सेक्टर में 16,000 करोड़ रुपये के एमओयू प्राप्त हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर ललितपुर में फार्मा पार्क स्थापित किया जाए तो देश और विदेश की फार्मा कंपनियों से औपचारिक प्रस्ताव पाने में कठिनाई नहीं होगी।
सीएम योगी ने सलाहकार को भेजा था ललितपुर
शासन के एक सीनियर अफसर ने बताया कि सीएम योगी ने इस प्रोजेक्ट को राज्य सरकार के स्तर से जमीन पर उतारने की संभावनाओं की विस्तृत पड़ताल के लिए अपने सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी और सलाहकार (खाद्य सुरक्षा) डॉ. जीएन सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ललितपुर भेजा था।
उन्होंने बताया कि सलाहकारों ने वहां के स्थलीय भ्रमण, फार्मा सेक्टर के डवलपर्स व स्थानीय अधिकारियों से चर्चा और स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद इस पार्क की स्थापना के संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी है। इसमें पार्क की स्थापना की संस्तुति की गई है। कहा गया है कि यूपीसीडा फार्मा पार्क की स्वीकृति के लिए तत्काल आगे की कार्यवाही शुरू करे। वित्तीय सहायता बजट से उपलब्ध कराने को कहा गया है।
15 हजार करोड़ खर्च करने की उम्मीद
ललितपुर में फार्मा पार्क की स्थापना पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होने के अनुमान हैं। इसकी व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से राज्य सरकार के बजट से करने की संस्तुति की गई है। एसटीपी निर्माण, वाटर सप्लाई, स्टीम जनरेशन, सड़क, बाउंड्रीवाल व बिजली आदि पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 2000 एकड़ में 50-100 एकड़ तक फार्मा कंपनियों को यदि आवंटित किया जाएं तो भी कम से कम 15-20 बड़ी यूनिटें स्थापित हो जाएंगी।
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