प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने की वजह से कांग्रेस ने अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सदस्य मणिशंकर अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था. हालांकि 255 दिनों बाद पार्टी ने उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया है.
सोमवार को खुद मणिशंकर अय्यर ने अपनी सदस्यता बहाल किए जाने को लेकर एक निजी चैनल से बातचीत की है. जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मेरी हैसियत चवन्नी की भी नहीं है, मुझे पार्टी में पूछता कौन है. अपने निलंबन का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया के कारण मुझे बाहर जाना पड़ा था. मेरी सिर्फ प्राथमिक सदस्यता बहाल हुई है. 2003 के बाद से मेरे पास कोई पद नहीं है. आखिरी बार 2003 में ऑफिस गया था जब मुझे वर्किंग कमिटी का सदस्य बनाया गया था.
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक मोदी सरकार सत्ता में है तब तक पाकिस्तान के साथ वार्तालाप नहीं हो सकता. बातचीत तभी होगी जब दूसरी सरकार आएगी. यह पहला मौका नहीं है जब अय्यर ने मोदी सरकार के पड़ोसी देश के साथ रिश्तों को लेकर टिप्पणी की हो. इससे पहले पाकिस्तान के एक टीवी चैनल के साथ हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि इन्हें (मोदी सरकार) हटाइए और हमें ले आइए. तभी रिश्ते मजबूत होंगे.
बता दें कि इस बवाल की शुरुआत तब हुई थी जब अय्यर ने मोदी को कहा था कि वह नीच किस्म का आदमी है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है. उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था. इसके बाद पीएम मोदी ने गुजरात में एक जनसभा में इसका जवाब देते हुए कहा था कि ‘आपने हमें नीच कहा, निचली जाति का कहा. अय्यर के इस बयान से कांग्रेस भारी दबाव में आ गई थी, जिसके चलते मणिशंकर को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. कुछ दिनों पहले ही अय्यर ने कहा था कि मैंने 2014 से पहले कभी सोचा नहीं था मुसलमानों को पिल्ला कहने वाला देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा.
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