बिहार के मुज़फ्फ़रपुर बालिका गृह में रहने वाली 28 बच्चियों के साथ बलात्कार और प्रताड़ना के मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी NGO का निबंधन रद्द कर दिया है. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की इस सम्बंध में अनुशंसा के आधार पर निबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी की. इससे पहले समाज कल्याण विभाग ने ब्रजेश ठाकुर के NGO द्वारा संचालित सभी शेल्टर्स होम को बंद करने का फ़ैसला लिया था.
इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा दिए गए उन सभी 6 प्रोजेक्ट को भी अब रद्द कर दिया है, जो ब्रजेश ठाकुर के संस्था को पिछले कई वर्षों से मिल रहे थे. स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच दल का भी गठन किया है, जो अब तक मिले कॉन्ट्रैक्ट और अन्य कामों की पूरी जांच कर रही है.
इस बीच मुजफ्फरपुर ज़िला प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर या उनके परिवार के अन्य सदस्य या उनके एनजीओ से ज़ुडे लोगों के नाम पर चल और अचल संपत्ति की ख़रीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. इससे पहले इन लोगों के नाम से रजिस्टर्ड सभी सम्पत्तियों का ब्योरा जुटाया लिया गया है. इतना ही नहीं, आयकर विभाग ने भी अब मामले की जांच के लिए एक टीम भेजने का फ़ैसला किया है. फ़िलहाल आरोपी ब्रजेश या उनके एनजीओ के नाम से जहां-जहां और जिन-जिन बैंक में खाते हैं, उनमें किसी तरह के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई है.
इसके अलावा खबर है कि सीबीआई ब्रजेश को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. बता दें कि जब इस मामले की जांच मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस कर रही थी, तब उन्हें ब्रजेश ठाकुर का रिमांड नहीं मिल पाया था और राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पुलिस को जेल में जाकर पूछताछ करने के लिए कहा था. गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में 34 बच्चियों से बलात्कार की पुष्टि हुई है और इस शेल्टर होम का मालिक ब्रजेश ठाकुर ही है.
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