राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election) में बगावत करने वाले सात विधायकों को बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने निलंबित कर दिया है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने विधायकों के निलंबन का ऐलान किया. इसके साथ ही मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की भी बुरी गति होती, वे हर कीमत पर सपा को हराएंगी भले ही उन्हें बीजेपी को सपोर्ट करना पड़े. इसके अलावा मायावती ने गेस्ट हाउस कांड (Guest House Case) के मुकदमों को वापस लेना अपनी सबसे बड़ी गलती बताई है.
सपा में आंतरिक कलह के कारण गठबंधन का नहीं मिला फायदा
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से मुकाबला करने के लिए हमारी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था. लेकिन उनके परिवार में चल रही आंतरिक कलह की वजह से उन्हें बीएसपी के साथ गठबंधन का अधिक फायदा नहीं मिल सका. चुनाव के बाद उनकी तरफ से प्रतिक्रिया मिलनी बंद हो गई, जिस वजह से हमने रास्ते अलग करने का फैसला लिया.
मुलायम की तरह अखिलेश की भी होगी बुरी गति
बसपा चीफ ने कहा कि मैं यह खुलासा करना चाहती हूं कि जब हमने लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया था, तब पहले दिन से ही हमने कड़ी मेहनत की. लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पहले दिन से ही सतीश चंद्र मिश्रा से कहते रहे कि अब जबकि एसपी-बीएसपी ने हाथ मिला लिया है, तो मुझे जून 1995 के केस को वापस ले लेना चाहिए . उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की बजाय सपा मुखिया मुकदमा वापसी कराने में लगे थे. 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी.
गेस्ट हाउस कांड मुकदमा वापसी बड़ी गलती
राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी के विधायकों में हुई सेंधमारी पर मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब हमने समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तभी समझ में आ गया कि हमने 2 जून 1995 के केस को वापस लेकर बड़ी गलती कर दी है. हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था और इस संबंध में गहराई से सोचना चाहिए था.
सपा को हराएंगे भले ही बीजेपी को सपोर्ट करना पड़ा
मायावती ने कहा कि हमने फैसला कर लिया है कि यूपी में आगामी एमएलसी चुनाव में सपा के प्रत्याशी को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे. अगर हमें बीजेपी प्रत्याशी या फिर किसी दूसरी पार्टी के कैंडिडेट को वोट देना होगा तो वो भी करेंगे. मायावती ने कहा कि 1995 के गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना गलती थी.
बसपा डिंपल यादव को सपोर्ट देने का तैयार थी
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मेरी पार्टी ने फैसला किया था कि अगर अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव में अपनी पत्नी डिंपल यादव को मौका दे रहे हैं, तो बसपा उनका समर्थन करने के लिए तैयार है. सतीश चंद्र मिश्रा ने सपा नेता से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया और राज्य के सभी ब्राह्मण समुदाय के लोगों का अपमान है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सभी जानते हैं कि सपा शासन के दौरान माफिया, गुंडे राज्यों पर कैसे राज करते हैं. वे फिर से लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा के सात विधायक बागी हो गए हैं. माना जा रहा है कि सभी बागी विधायक जल्द ही सपा ज्वॉइन कर सकते हैं. इनकी मुलाकात अखिलेश यादव से हो चुकी है.
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