अलीगढ़ : नवरात्रि के पहले दिन ‘टॉयलट पूजा’ के प्रस्ताव से बढ़ा विवाद

यूपी के अलीगढ़ जिला प्रशासन के एक फैसले पर हिंदू महासभा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई है। दरअसल, जिला प्रशासन की मंशा है कि नवरात्रि के पहले दिन (10 अक्टूबर) को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की पूजा की जाए। लेकिन हिंदू महासभा ने आपत्ति जताते हुए 2 अक्टूबर या 26 जनवरी को टॉयलट पूजा करने की बात करते हुए कहा कि इसे धार्मिक मौकों से ना जोड़ा जाए।

 

मानसिकता में बदलाव लाने का था उद्देश्य

फैसले की जानकारी देते हुए अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह ने कहा, ‘हमारा मकसद लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना है, जिससे टॉइलट को लोग महत्वपूर्ण समझें और इसका सम्मान करें।’ जानकारी के मुताबिक, 902 ग्राम पंचायतों के 1000 गावों के लिए प्रशासन ने नोडल ऑफिसर तैनात किए हैं।

 

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ऐसी पूजा करने से हिंदुओं की भावनाएं होंगी आहत

हिंदू महासभा के हरि शंकर शर्मा ने कहा ‘यह एक सामाजिक काम है और इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। नवरात्रि के पहले दिन ऐसी पूजा करने से हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं।’ वहीं, हिंदू महासभा के अशोक कुमार पांडेय ने कहा, ‘हम इसका विरोध इसलिए कर रहे हैं कि इससे हिंदू भावनाएं आहत होती हैं। अगर प्रशासन सचमुच ऐसा करना चाहता है तो दूसरे धर्मों से पूछे और उनके त्योहारों पर ऐसा करे।’

 

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उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को चाहिए कि इस इवेंट को कैंसल करें और माफी मांगें। अशोक ने कहा, ‘हम इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगे। यह देवी दुर्गा का त्योहार है, इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हमें स्वीकार नहीं है।’

 

वहीं मुख्य विकास अधिकारी दिनेश चंद्रा ने कहगा, ‘मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने टॉइलट को ‘इज्जघर’ के रूप में पहचान दी है। पूजा आयोजित करने के पीछे मकसद है कि लोगों की मानसिकता में बदलाव हो और वह टॉइलट को ऐसी चीज के रूप में स्वीकार करें, जिसपर गर्व किया जाता है।’

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