प्रतापगढ़: यूपी के प्रतापगढ़ में मुहर्रम के दिन भंडारे को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 1 सप्ताह से से चल रहे इस विवाद में पूर्ण विराम नहीं लग रहा है. प्रशासन ने पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भईया के पिता उदय प्रताप सिंह को मुहर्रम के चलते मंदिर में भंडारा करने की अनुमति नहीं दी थी जिसके चलते विवाद को हवा मिली. यहां तक कि मुहर्रम से पहले आधी रात में उन्हें जिला प्रशासन ने उन्हीं की भदरी कोठी में नजरबंद कर दिया था. मुहर्रम के दिन मंदिर में भंडारा नहीं हुआ लेकिन उसी हनुमान मंदिर के सामने चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच मुहर्रम का ताजिया निकाला गया जिसके चलते हिन्दू संगठनों ने इसे अपने मौलिक अधिकार का हनन बताकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है. इलाके में धारा 144 लागू है.
जानें क्या है विवाद:
कुंडा तहसील के शेखपुर आशिक में हनुमान मंदिर में मुहर्रम के दिन ही बंदर की पुण्यतिथि मनाई जाती है. साथ ही वहां पिछले 4 दिन से सुंदर काण्ड और भंडारा चल रहा है. मुहर्रम के दिन भी सुंदर कांड और भंडारे के आयोजन की घोषणा से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. अधिकारियों का कहना है कि मुहर्रम के दिन आयोजन पर पिछले 2 सालों से रोक लगी हुई है. इस बार भी प्रशासन ने कहा कि बिना अनुमति कोई आयोजन नहीं किया जायेगा. इसके लिए इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा फ्लैग मार्च किया गया. अाला अफसरों ने शेखपुरा में कैम्प कर लिया है. यही नहीं कुंडा की सीमा को भी सील कर दिया गया.
मेरा मौलिक अधिकार छीना गया
इस मामले पर उदय प्रताप सिंह का कहना है कि यह हमारी संस्कृति और धर्म पर हमला है ये जिला प्रशासन की नाकामी है. उनसे उनका मौलिक अधिकार छीना गया जो उन्हें धार्मिक आजादी का संविधान से मिला है. हमने एक सप्ताह से पूजा की तैयारी की थी. उदय प्रताप सिंह ने इसे हिन्दू धर्म का अपमान बताया है. उन्होंने पुछा जिन अधिकारियों को आशंका थी कि अगर भंडारे की अनुमति दे दी गयी तो कोई अनहोनी हो सकती है उन्हीं अधिकारियों को ताजिया-जुलूस में कोई आपत्ति क्यों नजर नहीं आई.
वहीं इस मामले में प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी शंभू कुमार ने कहा, ‘पर्व-त्योहार के मामले में हमने उन्हीं कार्यक्रमों की अनुमति दी थी जो विगत-वर्षों में मनाए जाते रहे हैं. उनके अलावा जो अतिरिक्त कार्यक्रम हैं, उनपर रोक लगी हुई है. कुंडा में विगत वर्षों में यह समस्या हुई कि हनुमान मंदिर पर भंडारा करने की कोशिश की गई, जिसे पिछले साल भी रोकी गई और इस बार भी रोक दिया गया.
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