उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के पुलिस अधीक्षक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वाट टीम प्रभारी सहित टीम के सात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई बीते 14 मई की रात स्वाट टीम और अमेठी के कुछ युवकों के बीच हुई मारपीट के मामले में सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
अमेठी विधायक ने की थी एसपी से शिकायत
मिली जानकारी के मुताबिक, अमेठी की विधायक गरिमा सिंह की शिकायत के बाद एसपी ने मामले की जांच सीओ अमेठी से कराई थी। स्वाट टीम पर हुई इस बड़ी कार्रवाई से महकमे में हड़कम्प मच गया है। सूत्रों ने बताया कि बीते 14 मई की रात लगभग दस बजे अमेठी कस्बे के आम्बेडकर तिराहे के पास स्वाट टीम प्रभारी अखिलेश गुप्ता व टीम ने कार सवार कुछ युवकों को रोककर तलाशी लेने का प्रयास किया था।
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सूत्रों ने बताया कि युवकों ने स्वाट टीम पर एक नेता के इशारे पर असलहा बरामदगी के फर्जी केस में फंसाने का आरोप लगाते हुए टीम का विरोध किया था। जिस पर युवकों व स्वाट टीम के बीच मारपीट हो गई थी। स्वाट टीम की सूचना पर पहुंची अमेठी कोतवाली पुलिस ने भी जमकर लाठियां भांजी और घंटों हंगामा हुआ।
एसपी राजेश कुमार ने दी जानकारी
जिसके बाद कोतवाली पुलिस कुछ युवकों को पकड़कर थाने लाई तो युवकों के समर्थन में काफी संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए। आखिरकार पुलिस ने सुलह समझौते से मामले को शांत कराया और युवकों को छोड़ दिया गया। वहीं, मामले की जानकारी होने के बाद अमेठी विधायक गरिमा सिंह ने एसपी से शिकायत कर मामले की जांच का अनुरोध किया था। जिस पर एसपी ने मामले की जांच सीओ अमेठी पीयूषकांत राय को सौंपकर रिपोर्ट तलब की।
मामले की जानकारी देते हुए एसपी राजेश कुमार ने बताया कि सीओ की रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया स्वाट टीम की भूमिका सही नहीं पाई गई। जिस पर स्वाट टीम प्रभारी अखिलेश गुप्ता, हेड कांस्टेबल भूपेश कनौजिया, कांस्टेबल अमरीश गोस्वामी, रमेश तिवारी, ज्ञानेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र व इमाम हुसैन को निलंबित कर दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है। जल्द ही स्वाट टीम में नई तैनाती की जाएगी।
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