सिपाहियों ने छोड़ा मेस का खाना, हो रही बड़े आंदोलन की तैयारी

वैसे तो अक्सर ही यूपी पुलिस के कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा होगा, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के शिमला में सिपाहियों ने मेस का खाना त्याग करके सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। दरअसल बीते शनिवार को संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में सीएम जयराम ठाकुर ने अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अवधि तीन से दो साल करने का एलान किया लेकिन पुलिस कांस्टेबलों के पे बैंड की अवधि कम करने की कोई घोषणा नहीं की। जिसके चलते शिमला के सिपाहियों ने मेस का खाना छोड़ दिया है।कई जगह कांस्टेबलों ने इसके लिए बाकायदा रोजनामचे में भी रपट डाल दी है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपने हक को हासिल करने के लिए जंग छेड़ दी है।

हो सकता है बड़ा आंदोलन

जानकारी के मुताबिक, 2013 में भर्ती हुए जवानों को दो वर्ष बाद संशोधित वेतनमान दे दिया गया। लेकिन 2015 के बाद से हो रही भर्तियों में चुने जाने वाले जवानों को संशोधित वेतनमान देने के लिए आठ साल का समय निर्धारित कर दिया गया जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को दो साल बाद वेतनमान में बढ़ोतरी मिल रही है। दावा किया जा रहा है कि अगर सरकार मांग नहीं मानती है तो अब जवानों के परिजन ही बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।

सोशल मीडिया पर भी रखी मांग

वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने वाले नाराज कांस्टेबलों ने फिर से पुलिस मेस का खाना छोड़ दिया है। कई जगह कांस्टेबलों ने इसके लिए बाकायदा रोजनामचे में भी रपट डाल दी है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपने हक को हासिल करने के लिए जंग छेड़ दी है। ई-मेल से लेकर व्हाट्सएप तक का इस्तेमाल कर जवान ‘जस्टिस फॉर एचपी पुलिस हैश टैग’ का उपयोग कर लोगों को सरकार की ज्यादती और अपनी नाराजगी का कारण बताने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस के जवान अपने हितों के लिए किसी भी तरह का आंदोलन नहीं कर सकते। ऐसे में वह अन्न त्याग आंदोलन कर रहे हैं।

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