AMU के रहीम को PM Modi की तारीफ करना पड़ा भारी, अब छीनी जा रही है PHD की डिग्री

अलीगढ़ मुस्लिम विश्विविद्यालय (AMU) के एक पूर्व शोध छात्र (PhD scholar) ने एएमयू प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व शोध छात्र डॉक्टर दानिश रहीम (Danish Rahim) का आरोप है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के तारीफ करने पर प्रबंधन ने उन्हें पीएचडी की डिग्री वापस करने के लिए नोटिस भेजा है. इसको लेकर उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी को भी पत्र लिखा है. वहीं एएमयू प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया है.

दरअसल छात्र दानिश रहीम ने AMU के भाषा विज्ञान विभाग से पीएचडी की थी और उसे 9 मार्च 2021 को एएमयू प्रशासन की तरफ से भाषा विज्ञान में पीएचडी में डिग्री दी गई. हालांकि कुछ समय बाद ही उसको एक नोटिस मिला, जिसमें उससे कहा गया कि उसे गलत डिग्री दे दी गई है. वह अपनी भाषा विज्ञान की डिग्री जमा करके एलएएम (LAM) में पीएचडी की दूसरी डिग्री ले ले. यह सुनकर छात्र अवाक रह गया और उसने एएमयू प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया में तारीफ करने के कारण उसको प्रताड़ित किया जा रहा है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर लगाए आरोप
एएमयू के छात्र डॉक्टर दानिश रहीम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसने भाषा विज्ञान से पीएचडी किया है. एएमयू द्वारा पीएचडी की डिग्री 9 मार्च 2021 को प्रदान की गई. उससे पहले उनकी साथी डॉक्टर मारिया नईम को नवंबर 2020 में पीएचडी की डिग्री आवंटित की गई, लेकिन उसके 6 महीने गुजर जाने के बाद 4 अगस्त 2021 को एएमयू की तरफ से एक नोटिस प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि आपको जो डिग्री दी गई है वह गलत दी गई है अनजाने में दी गई है. आप भाषा विज्ञान की डिग्री जमा करके एलएएम (LAM) की डिग्री ले लें. यह सुनकर मैं परेशान हो गया और आश्चर्यचकित हो गया कि मेरे और मेरे साथी के साथ क्या हुआ है.

राइट विंग का आदमी कहा गया
इसके साथ ही दानिश रहीम आरोप लगाते हैं, ‘जब मैंने अपनी जिंदगी के 5 महीने पीछे जाकर सोचा तो मुझे ज्ञात हुआ कि जब वर्ष 2020 में एएमयू के 100 साला कार्यक्रम को पीएम मोदी ने संबोधित किया था तब मैंने उनकी तारीफ की थी. उसके बाद 8 फरवरी से पहले मेरा वाइवा होना था, लेकिन उसी से तीन-चार दिन पहले चेयरमैन ने बुलाया और कहा कि आपने पीएम के कार्यक्रम में उनकी तारीफ की थी, जबकि आपको किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के फेवर में बयान नहीं देना चाहिए, लेकिन आपने जो मीडिया को इंटरव्यू दिया था उससे पता चलता है कि आप राइट विंग के आदमी हैं.’

यूनिवर्सिटी प्रवक्ता ने दी सफाई
वहीं, यूनिवर्सिटी प्रवक्ता प्रोफेसर साफे किदवई का है कि विश्वविद्यालय का linguistic विभाग दो पीएचडी कराता है. एक लिंग्विस्टिक में और दूसरा एलएएमएम (language for advertisement marketing and media). गलती से एलएएनएम की जगह लिंग्विस्टिक लिख गया है, जिसको यूनिवर्सिटी इंतज़ामीया सही कर रहा है. यही पूरा मामला है.

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