यूपी एटीएस (UP ATS) ने फेक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर भारत में रह रहे एक रोहिंग्या मुसलमान (Rohingya) को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शख्स का नाम खलीक अहमद (Khaliq Ahmad) है। भारत की सीमा में दाखिल होने के बाद खलीक अहमद अलीगढ़ (Aligarh) की रशीदीन मस्जिद में इमाम बन गया था।
यूपी एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि प्रारंभिक जांच और पूछताछ में पता चला है कि देश में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान तेज होने पर खलीक जम्मू चला गया था। उन्होंने बताया कि खलीक ने देवबंद (सहारनपुर) और मुजफ्फरनगर के मदरसों में पढ़ाने का भी काम किया है। जब उसके पहचान पत्रों की जांच की गई तो वे फर्जी पाये गए। बाद में उसकी असली पहचान म्यांमार के अकयाब जिले के मूल निवासी के रूप में हुई।
उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ कूटरचित और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपनी पहचान छिपाने, धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई है। एक अन्य मामले में एटीएस को राज मोहम्मद नामक व्यक्ति की सात दिन की रिमांड मिली है। उसे तमिलनाडु के पुडुक्कोट्टई जिले से गिरफ्तार किया गया है। उस पर लखनऊ, उन्नाव और कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालयों में धमाके करने के धमकी भरे संदेश भेजने का आरोप है।
रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ कराने के बाद उन्हें हिंदू नामों से नई पहचान देकर विदेश भेजने वाले सिंडीकेट तक पहुंच चुकी एटीएस अब उनके स्थानीय मददगारों की तलाश कर रही है। पश्चिम बंगाल से लेकर यूपी के कई शहरों तक फैले इस गिरोह से जुड़े कई संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास किया गया।
एटीएस ने जून, 2021 में संतकबीरनगर से जब सबसे पहले रोहिंग्या अजीजुल हक को गिरफ्तार किया था, तब सामने आया था कि उसने यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिए अजीजुल्लाह के नाम से दो पासपोर्ट, आधारकार्ड व अन्य प्रपत्र बनवा रखे थे। उसने फर्जी राशनकार्ड, मार्कशीट व प्राथमिक पाठशाला के ट्रांसफर सार्टीफिकेट का इस्तेमाल कर ये भारतीय दस्तावेज बनवाये थे और उसके खातों में विभिन्न व्यक्तियों, फर्मों व विदेश से लाखों रुपये आए थे। बाद में रोहिंग्या अजीजुल के फर्जी दस्तावेज बनवाने में मददगार रहा नगर पालिका खलीलाबाद का संविदाकर्मी अब्दुल मन्नान भी पकड़ा गया था।