मोदी सरकार के अंतरिम बजट 2019-2020 किसानों को 2,000-2000 देने के ऐलान के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से किसानों की सूची मांगी है. ख़बरों के अनुसार, मोदी सरकार मार्च के अंत तक लगभग 10 करोड़ किसानों को 2,000-2000 रुपये का भुगतान करेगी. मीडिया से बात करते हुए कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने यह जानकारी देते हुए कहा कि, कम जमीन वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत इसके बाद के भुगतान करने में भी सरकार को कोई मुश्किल नहीं होगी.
साथ ही उन्होंने कहा, आकड़ों के आभाव में पहला भुगतान करने की प्रक्रिया में कुछ मुश्किल हो सकती है लेकिन ‘दूसरी किस्त का भुगतान आसान होगा क्योंकि सभी लाभार्थियों के बैंक खाते उनके आधार से लिंक हो जाएंगे. यही वजह है कि, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से पात्र किसानों की सूची मांगी है. उन्होंने कहा हालांकि, केंद्र के पास पहले से काफी डेटा है लेकिन हम पूरे आकड़ों पर गौर कर रहे है.
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उत्तर प्रदेश और बिहार में हो सकती मुश्किलें
विशेषज्ञों और पूर्व ब्यूरोक्रेट्स का कहना है कि इस स्कीम को लागू करने में परेशानी हो सकती है, विशेषतौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में मुश्किल हो सकती है जहां जमीन के रेकॉर्ड पूरी तरह डिजिटाइज नहीं हैं. लोकसभा चुनाव में कुछ महीने बाकी होने के कारण इस योजना को तेजी से लागू करने की कोशिश की जाएगी. शेखावत ने कहा, ‘हमारे पास अधिकतर किसानों का डेटाबेस है क्योंकि वे पहले से हमारी विभिन्न सब्सिडी स्कीमों का लाभ ले रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि कोई भी राज्य इस योजना में पीछे रहना चाहेगा.’
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि कृषि मंत्रालय इस योजना को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. गर्ग ने बजट के बाद ईटी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मंत्रालय इसे जितना तेजी से संभव हो, लागू करेगा. मूलभूत मापदंड तैयार है. दो हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले छोटे और मझोले किसानों की पहचान करने की जरूरत है.’
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इस साल 20 हजार करोड़ का खर्च
अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा था कि मौजूदा फाइनेंशियल इयर में इस योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे. यह रकम लगभग 10 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये की एक किस्त देने के लिए पर्याप्त है. अगले फाइनैंशल इयर के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इससे 12 करोड़ किसानों को ऐसी तीन किस्तें दी जा सकेंगी.
‘UBI में होगा मददगार’
पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री-किसान एक अच्छी योजना है और यह कुछ वर्षों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) शुरू करने में मददगार हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘सामान्य स्थिति में इस योजना को लैंड रेकॉर्ड का बेहतर डेटा रखने वाले राज्यों में भी लागू करने में कम से कम छह महीने लगते. केंद्र इस योजना पर काफी जोर दे रहा है और इस वजह से संभव है कि प्रत्येक राज्य के कुछ जिलों में 31 मार्च से पहले किसानों को इसकी पहली किस्त ट्रांसफर कर दी जाए.’
86 फीसदी किसानों के पास 2 एकड़ से कम जमीन
किसानों के पास जमीन का आंकड़ा 2015-16 के एग्रीकल्चर सेंसस में है। उसके बाद से यह सर्वे नहीं किया गया. इससे पता चलता है कि 86.2 प्रतिशत किसानों के पास 2 एकड़ से कम जमीन है. ऐसे सबसे ज्यादा 2.21 करोड़ किसान यूपी में हैं। इसके बाद बिहार का नंबर आता है.
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