उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद में दारोगाओं (Sub Inspectors) को एम्स के फॉरेंसिक एक्सपर्ट (Forensic Expert of AIIMS) से ट्रेनिंग दिलाए जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए एम्स के मेडिको लीगल से करार भी हो गया है। तीस-तीस दारोगाओं का बैच बनाकर शनिवार और रविवार को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। 10 दिसंबर से इसकी शुरुआत होगी।
दरअसल, एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई का मानना है कि अभी भी ट्रेनिंग की कमी होने की वजह से दारोगा घटनास्थल से जरूरी सबूत नहीं जुटा पाते हैं। पूछताछ में भी सावधानी नहीं बरतते हैं। यही वजह है कि एसपी सिटी ने शहर के सभी दारोगाओं को ट्रेनिंग दिलाने का निर्णल लिया है। एसपी सिटी ने एम्स के मेडिको लीगल विभाग से बातचीत कर इसपर सहमति बना ली है।
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अब तीस-तीस दरोगाओं को एक बार में बैच बनाकर भेजा जाएगा और उनका प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही अगले बैच को भेजा जाएगा। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि एम्स के मेडिको लीगल विभाग से करार हो गया है। दस सितंबर से इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। हर शनिवार व रविवार को दरोगा प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। इससे आपराधों के खुलासे में मदद मिलेगी।
इन चीजों की दी जाएगी ट्रेनिंग
जानकारी के अनुसार, दारोगाओं को ट्रेनिंग के दौरान घटनास्थल पर कैसे और क्या सबूत जमा करें, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। नमूनों को कैसे संरक्षित किया जाता है। वारदात के बाद घटनास्थल पर किन-किन बिंदुओं पर जांच करें। मौका-ए-वारदात पर घटना के हिसाब से मौजूद लोगों व घरवालों से क्या सवाल पूछना चाहिए। डूबने, हैंगिंग या फिर हत्या के बाद शव को लटकाया गया, इसे कैसे मौके पर ही समझ लें। वारदात के हिसाब से ही मौके पर साक्ष्य जुटाएं और जांच के लिए क्या सबूत भेजें।
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