राजधानी लखनऊ (Lucknow) में रामचरित मानस की प्रतियां जलाने (Burning Copies of Ramcharit Manas) के मामले में पीजीआई पुलिस ने रविवार की देर रात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार की सुबह पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश की जा रही है।
दंगा भड़काने की नीयत से प्रतियां जलाने का आरोप
नामजद आरोपियों में स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र यादव, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, सुजीत, संतोष वर्मा और सलीम शामिल हैं। एफआईआर दर्ज कराने वाले ऐशबाग के निवासी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी ने बताया कि 29 जनवरी 2023 को पीजीआई थानाक्षेत्र में आवास विकास ऑफिस के पास देवेन्द्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सतेन्द्र कुशवाह, महेन्द्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एस एस यादव, सन्तोष वर्मा, सलीम व अन्य कुछ अज्ञात लोगों ने भीड़ के आगे रामचरित मानस फाड़ कर उसे जला दिया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने आरोपियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने। शिकायत में आरोपितों के कृत्य को जानबूझ कर और दंगा भड़काने की नीयत से किया गया बताया है। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी, 142, 143, 153ए, 295, 295ए, 298, 504, 505 (2) और 506 के तहत केस दर्ज किया है।
वहीं, मामले की जानकारी देते हुए एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि उक्त मामले में आरोपित देवेंद्र सिंह, सलीम समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
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