कानपुर: दारोगा-सिपाही ने शिक्षक की स्कूटी में प्लांट करवाई चरस, फिर छोड़ने के बदले वसूले 1.50 लाख, पुलिस कमिश्नर ने की बड़ी कार्रवाई

कानपुर में पुलिस (Kanpur Police) की वर्दी दागदार हुई है। यहां एक दारोगा और सिपाही ने मिलकर शिक्षक की स्कूटी में 500 ग्राम चरस प्लांट करा दी। इसके बाद शिक्षक को पकड़ लिया। पहले तो शिक्षक के साथ बदसलूकी की गई और फिर उसे थाने ले जाकर हवालात में डाल दिया गया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुम्हारी स्कूटी से चरस मिली है। अगर बचना चाहते हो तो 2 लाख रुपए दो। उधर, जेल जाने की बात सुन शिक्षक डर गया और घरवालों को फोन कर डेढ़ लाख रुपए मंगा लिए। रुपए मिलने के बाद पुलिसवालों ने उसे छोड़ दिया।

शिक्षक ने पुलिस कमिश्नर से कर दी शिकायत

वहीं, शिक्षक ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी, जिसके बाद एसीपी कर्नलगंज की जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। इसके बाद सोमवार की रात रानीघाट चौकी इंचार्ज कपिल यादव और सिपाही राहुल वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया।

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दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित शिक्षक का नाम नितिन त्रिपाठी है। वह गांधी पार्क डिप्टी पड़ाव के रहने वाले हैं। नितिन त्रिपाठी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। इसके साथ ही बीटीसी सेकेंड सेमेस्टर के छात्र भी हैं। नितिन ने बताया कि 23 जनवरी को मेरे पास दोस्त वासु सोनकर का फोन आया और उसने कुछ देर के लिए स्कूटी मांगी। मैंने उसे स्कूटी दे दी।

नितिन ने बताया कि इसके बाद वह स्कूटी को कहीं लेकर चला गया। थोड़ी देर में लौटकर आया। इसके बाद वासु मुझे मोतीझील ले गया। वहां पहुंचने पर वासु टॉयलेट जाने की बात कहकर स्कूटी से उतरकर चला गया। जबकि मैं लाजपत भवन के सामने स्कूटी पर बैठकर उसका इंतजार करता रहा। इस दौरान दो पुलिसकर्मी गाड़ी से वहां पहुंचे।

पुलिसकर्मियों ने खींचकर गाड़ी में बैठाया

नितिन ने बताया कि इस दौरान दो पुलिसकर्मी गाड़ी से वहां पहुंचे। उन्होंने मेरा कॉलर पकड़ लिया। फिर गाली देने लगे। एक पुलिसकर्मी ने कहा कि चरस बेचते हो, ले चलो इसे थाने पर। इसके बाद खींचकर मुझे गाड़ी में बैठा लिया। पुलिसवाले मुझे सीधे कोहना थाने ले गए और हवालात में डाल दिया। कहा कि तुम्हारी डिग्गी से 500 ग्राम चरस बरामद हुई है। तुम्हें जेल भेजा जाएगा।

पुलिसकर्मियों ने कहा कि 6 महीने तक जमानत नहीं मिलेगी। अगर जेल नहीं जाना चाहते, तो 2 लाख रुपए दे दो। जेल की बात सुनकर मैं सहम गया। मैंने भाई विपिन और घरवालों को फोन कर इसके बारे में बताया। भाई विपिन से कहा कि पैसे लेकर थाने आ जाओ। थोड़ी देर में विपिन 1.50 लाख रुपए लेकर थाने आया। विपिन ने दरोगा को 1.50 रुपए दिए। इस पर दरोगा ने कहा कि 50 हजार और ले आओ, तभी छोड़ेंगे।

पुलिसवालों पर गिरी गाज

इसके बाद मैं दारोगा के सामने गिड़गिड़ाया। फिर उसने मुझे छोड़ा। वहां से छूटने के बाद मैं घर से कम ही बाहर निकलता था। सोमवार को किसी तरह से हिम्मत करके मैंने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर आखिल कुमार से की। उन्होंने डीसीपी सेन्ट्रल को मामले की जांच कराने को कहा।

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पुलिसवाले दोषी पाए गए। इसके बाद सोमवार रात रानीघाट चौकी इंचार्ज कपिल यादव और सिपाही राहुल वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया। नितिन ने बताया कि मुझे शक है कि पुलिसकर्मियों की साजिश में मेरा दोस्त वासु भी शामिल है। उसके खिलाफ जांच होनी चाहिए।

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