Mahakumbh 2025: 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू होने जा रहा है, जो कि 45 दिनों तक चलेगा। महाकुंभ, जिसे ‘पूर्ण कुंभ’ भी कहा जाता है, हर 12 साल में आयोजित होता है और यह धर्म, आस्था, सांस्कृतिक और सामाजिकता का सबसे बड़ा महासंगम माना जाता है। इस साल लाखों लोग कुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होंगे।
कुंभ मेले में स्नान को लेकर विशेष धार्मिक मान्यताएं हैं, और माना जाता है कि यहां स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके चलते देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु, साधु संत संगम में स्नान करने के लिए जुटते हैं।
हालांकि, कुंभ स्नान का लाभ तभी मिलता है जब कुछ खास नियमों का पालन किया जाए, खासकर गृहस्थ लोगों के लिए। ऐसे लोग जो विवाहित हैं, उन्हें कुंभ स्नान से पहले दो महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
- साधु संतों के बाद स्नान करें: शाही स्नान के दिन, स्नान करने से पहले सबसे पहले साधु संतों का स्नान देखना चाहिए। माना जाता है कि उनके स्नान के बाद ही सामान्य श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान का पूरा फल प्राप्त होता है।
- कम से कम 5 बार डुबकी लगाएं: कुंभ में स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगाना अनिवार्य है। यह नियम पूरा करने से ही स्नान का वास्तविक पुण्य प्राप्त होता है।
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन से शुरू होगा और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस दौरान 6 शाही स्नान की तिथियां तय की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:
- 13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति
- 29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी 2025 – वसंत पंचमी
- 12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा
- 26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि
इन तिथियों पर विशेष महत्व है और इन दिनों स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम में एकत्रित होंगे।
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