मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की टीम को गुप-चुप तरीके से गोपनीय सरकारी दस्तावेज दिये जाने के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में उग्र प्रदर्शन किया।
पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त ट्रांजैक्शन कन्सलटेंट मे. ग्रान्ट थॉर्नटन की टीम वाराणसी और आगरा में 04 अप्रैल को निजीकरण हेतु सर्वे करने करने गयी हुई थी जहां पर प्रबन्धन द्वारा गैर कानूनी तरीके से मे. ग्रान्ट थॉर्नटन की टीम को चुपचाप गोपनीय सरकारी दस्तावेज सौप दिये हैं, जो कि एक अत्यन्त गम्भीर प्रकरण है जिसकी उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।
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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पुष्पेन्द्र सिंह, जितेन्द्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, करुणेश त्रिपाठी, विपिन कुमार पाण्डेय, दिलीप गौतम, दिलीप कुमार, संजू, प्रमोद श्रीवास्तव, सुजीत सिंह, ओम गुप्ता, सत्यव्रत पाण्डेय,विनय पाण्डेय, श्रीराम त्रिवेदी एवं रामाश्रय पासवान ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है और कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट हितों के टकराव के प्रावधान को हटाकर कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई है।
अब इस कंसल्टेंट के जरिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन प्रदेश के 42 जनपदों का निजीकरण करने हेतु इतना उतावला हो गया है कि उसने अवैध ढंग से नियुक्त कंसल्टेंट की टीम को रात के अंधेरे में ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम को अंदर प्रवेश करा दिया गया था और गोपनीय दस्तावेज ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम को उपलब्ध कराए जो अपने आप में दंडनीय अपराध है। आगरा में आज सुबह 10ः00 बजे से सैकड़ो की तादाद में बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता मुख्यालय पर एकत्र हो गए थे और उन्होंने शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से ट्रांजैक्शन कंसलटेंट को गोपनीय दस्तावेज देने का प्रबल विरोध किया और उग्र प्रदर्शन किया।
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि वह बिजली के निजीकरण के विरोध में शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से अपना आंदोलन चल रहा है किंतु पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा इस प्रकार पुलिस बल लगाकर और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर औद्योगिक अशान्ति उत्पन्न की जा रही है जिसके होने वाले दुष्परिणाम की सारी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन के प्रबंधन की होगी।
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संघर्ष समिति ने प्रदेश के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मियों और अभियंताओं का आह्वान किया है कि वह 9 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में अधिकतम संख्या में पहुंचे। 9 अप्रैल को लखनऊ में होने वाली रैली में निर्णायक संघर्ष और आंदोलन के कार्यक्रमों का ऐलान किया जाएगा। जनपद गोरखपुर में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों द्वारा व्यापक जन-जागरण कार्यक्रम चलाया गया।
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