छांगुर बाबा (Chhangur Baba) धर्मांतरण मामले (Religious Conversion) में उत्तर प्रदेश एटीएस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक गहरी साजिश सामने आती जा रही है। मामला महज़ धर्मांतरण तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब यह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े नेटवर्क तक पहुँच चुका है।
धर्मांतरण की आड़ में बना विदेशी एजेंडा
सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू महिलाओं को निशाना बनाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया। इसके बाद इन्हीं महिलाओं की शादी नेपाल में आईएसआई एजेंटों से करवाने की साजिश रची गई। मकसद था – इन महिलाओं को धीरे-धीरे जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बनाना।
नेपाल से लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक पहुंचने की कोशिश
जानकारी सामने आई है कि छांगुर बाबा ने अपने नेपाल संपर्कों के जरिए काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में आईएसआई एजेंटों से संपर्क साधने की योजना बनाई थी। बताया जा रहा है कि वहां एक गुप्त बैठक भी हुई थी, जिसमें उसके नेटवर्क के जरिए बातचीत की कोशिश की गई।
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‘लव जिहाद’ के लिए तैयार की गई युवकों की टीम
एटीएस की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा ने ‘लव जिहाद’ के नाम पर करीब 1,000 मुस्लिम युवकों की एक फौज खड़ी की थी। इन्हें पिछले तीन वर्षों में कैश में भुगतान किया गया। यह नेटवर्क यूपी के सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था।
ब्रेनवॉश और कोडवर्ड्स
छांगुर बाबा का गिरोह लड़कियों को पहले फंसाता, फिर उनका ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराता था। इस नेटवर्क में संवाद के लिए कोडवर्ड्स का इस्तेमाल होता था। मसलन, किसी लड़की को ‘प्रोजेक्ट’ कहा जाता था, ब्रेनवॉश की प्रक्रिया को ‘काजल करना’, मुलाकात को ‘दीदार कराना’ और धर्मांतरण को ‘मिट्टी पलटना’ कहा जाता था। यह सब कुछ गुप्त ढंग से करने के लिए था, ताकि कानून की नजरों से बचा जा सके।
विदेशों से आई करोड़ों की फंडिंग
ईडी की जांच में सामने आया है कि बाबा के पास विदेशों से बड़ी मात्रा में फंडिंग हुई। अब तक 18 बैंक खातों का पता चला है, जिनमें करीब 68 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। सिर्फ तीन महीनों में ही 3 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ।
बाबा की सबसे करीबी सहयोगी नीतू
जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा की सबसे बड़ी मददगार नीतू वोहरा थी, जो बाद में नसरीन नाम से धर्म परिवर्तन कर इस साजिश में शामिल हुई। केवल चार महीनों में उसके बैंक खाते में 14 करोड़ रुपए आए, जिन्हें तुरंत निकाला भी गया। वहीं, उसके पति नवीन वोहरा के खातों में भी 18 करोड़ रुपए की एंट्री मिली है।
चार फर्जी संस्थाओं से चलाई जा रही थी फंडिंग
बाबा ने अपनी गतिविधियों को वैध रूप देने के लिए चार अलग-अलग एनजीओ/संस्थाएं बना रखी थीं। इन्हीं के माध्यम से विदेशों से आने वाली राशि का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता था।
छांगुर बाबा का अतीक अहमद से कनेक्शन
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का अब माफिया अतीक अहमद से भी गहरा संबंध सामने आया है। इससे पहले उसके माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़े होने की बातें भी सामने आ चुकी हैं। 2014 में अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्रावस्ती से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस संसदीय क्षेत्र में ही उतरौला विधानसभा सीट आती है, जहां छांगुर की आलीशान कोठी बनी थी। चुनाव प्रचार के दौरान छांगुर अक्सर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों, खासकर अपने गांव रेहरा माफी में अतीक अहमद के साथ खुली जीप में नजर आता था और चुनावी मंच भी साझा करता था। श्रावस्ती के पूर्व सांसद और मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्र का कहना है कि जब उन्होंने छांगुर की तस्वीर अखबार में देखी, तो उन्हें पहचानते देर नहीं लगी। उन्होंने बताया, ‘यह वही व्यक्ति है जो उस समय अतीक अहमद के साथ मिलकर दिन-रात मेरे खिलाफ चुनावी रणनीति में जुटा था।’ गांव में चर्चा है कि उसी चुनाव के बाद से छांगुर पूरी तरह अतीक अहमद के संपर्क में आ गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताई सख्त नाराजगी
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि भारत को अस्थिर करने की एक सुनियोजित साजिश है। राज्य सरकार इस तरह के किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देगी।
जांच जारी
छांगुर बाबा फिलहाल एटीएस की हिरासत में है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। इस मामले में आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है। केंद्र और राज्य की एजेंसियां सतर्क हैं, और भारत की अखंडता के खिलाफ कोई भी साजिश अब ज्यादा दिन छुपी नहीं रह सकती।